मन की बात: अब भगत सिंह होगा चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम, पीएम ने इन मुख्य बिंदुओं पर की चर्चा

चंडीगढ़ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आजादी के अमृत महोत्सव से लेकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय पर चर्चा की. पीएम मोदी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भी याद किया. पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा.

PM Modi

उन्होंने कहा कि आज से तीन दिन बाद 28 सितंबर को आजादी के अमृत महोत्सव का विशेष दिन आ रहा है. इस दिन भगत सिंह की जयंती मनाई जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि भगत सिंह की जयंती से ठीक पहले उन्हें श्रद्धांजलि के तौर पर एक अहम फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम अब शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ देशवासियों को बधाई दी और कहा कि इसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर भी याद किया और कहा कि 25 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है. वह कहते थे कि देश की प्रगति का पैमाना अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति है. आजादी के अमृत में हम दीनदयाल उपाध्याय को जितना जानेंगे, उनसे जितना सीखेंगे उतना ही देश को आगे ले जाने की प्रेरणा मिलेगी.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने आजादी के बाद देश में व्याप्त हीन भावना से आजादी दिलाकर हमारी बौद्धिक चेतना को जगाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने अपने जीवन में दुनिया की बड़ी उथल-पुथल देखी थी. वे विचारधाराओं के संघर्ष के साक्षी बन चुके थे और इसीलिए उन्होंने एकात्म मानवदर्शन और अंत्योदय के विचारों को उस देश के सामने रखा जो पूर्णतः भारतीय था.

दीनदयाल उपाध्याय ने मनुष्य को समान मानने वाले भारतीय दर्शन को फिर से दुनिया के सामने रखा. हमारे शास्त्रों में कहा गया है- आत्मवत सर्वभूतु अर्थात् जीव को ही अपना समझो, अपने जैसा व्यवहार करो. पीएम मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने हमें सिखाया कि कैसे भारतीय दर्शन दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है. वे यह भी कहते थे कि हमारी स्वतंत्रता तभी सार्थक हो सकती है जब वह हमारी संस्कृति और पहचान को अभिव्यक्त करे और इसी विचार के आधार पर उन्होंने देश के विकास का विजन दिया. स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर चलते हुए पीएम मोदी ने उनके सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया और कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का भी जिक्र किया. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी चर्चा की और कहा कि जीवन के संघर्षों से त्रस्त व्यक्ति के सामने कोई बाधा नहीं टिक सकती.

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चीतों के भारत आने पर लोगों ने जताई खुशी

पीएम मोदी ने यूपी के अरुण कुमार गुप्ता, तेलंगाना के एन रामचंद्रन रघुराम, गुजरात के राजन और दिल्ली के सुब्रत का जिक्र करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने चीतों के भारत आने पर पत्र लिखकर खुशी जताई है. यह भारत का प्रकृति प्रेम है. उन्होंने कहा कि चीतों को लोग कब देख पाएंगे, इस बारे में कुछ महीने बाद फैसला लिया जाएगा. पीएम मोदी ने चीतों के नाम सुझाने के लिए चीतों को लेकर चल रहे अभियान का नाम भी मांगा. उन्होंने यह भी बताने को कहा कि मनुष्य को जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए.

स्वच्छ महासागर, सुरक्षित महासागर अभियान पर भी हुई चर्चा

पीएम मोदी ने स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान पर भी चर्चा की और कहा कि हमारे तटीय क्षेत्र पर्यावरण से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर हमारे बीच फैली गंदगी भी परेशान कर रही है. उन्होंने देश के तटीय क्षेत्रों ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ में तटीय सफाई का प्रयास किया. 5 जुलाई से शुरू हुआ यह अभियान विश्वकर्मा जयंती के दिन 17 सितंबर को समाप्त हुआ. तटीय सफाई दिवस भी इसी दिन था.

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स्वच्छता जैसे प्रयासों में स्थानीय समुदाय को शामिल करें

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं शहरों के महापौरों और गांव के सरपंचों से बात करता हूं, तो मैं उनसे जरूर आग्रह करता हूं कि स्वच्छता जैसे प्रयासों में स्थानीय समुदाय और स्थानीय संगठनों को शामिल करें और इसके लिए नए तरीके बनाएं. उन्होंने बेंगलुरु के यूथ फॉर परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि यह टीम अब तक शहर में 370 से ज्यादा जगहों का सौंदर्यीकरण कर चुकी है. पीएम ने मेरठ के कबाड़-टू-जुगाड़ अभियान के बारे में भी बात की.

लोकल के लिए वोकल के संकल्प की याद दिलाता है

पीएम मोदी ने शुरू होने जा रहे नवरात्रि के त्योहार के बारे में बात की और वोकल फॉर लोकल की भी याद दिलाई. उन्होंने कहा कि अब हम अपने कारीगरों, शिल्पकारों और व्यापारियों को भी त्योहारों की खुशी में शामिल करते हैं. 2 अक्टूबर को बापू की जयंती के मौके पर हमें इस अभियान को और तेज करने का संकल्प लेना है. खादी, हथकरघा, हस्तशिल्प उत्पादों के साथ-साथ स्थानीय सामान भी खरीदें. हम त्योहार में जो भी उपहार देते हैं, उसमें एक स्थानीय उत्पाद अवश्य होना चाहिए.

पैकिंग के लिए गैर प्लास्टिक बैग का प्रयोग करें

पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों पर पैकिंग के लिए गैर-प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. जूट, कपास, केला और ऐसे कई पारंपरिक बैगों का चलन एक बार फिर बढ़ रहा है.त्योहारों के अवसर पर इनका प्रचार-प्रसार करना और स्वच्छता के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण का भी ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है.

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दूसरों के कल्याण के समान कोई धर्म नहीं है

पीएम मोदी ने कहा कि दूसरों का कल्याण करने जैसा कोई दूसरा धर्म नहीं है. आपने भी देखा होगा कि लोग आगे आकर टीबी के किसी न किसी मरीज को गोद ले रहे हैं और उसके पौष्टिक आहार का बीड़ा उठा रहे हैं. दरअसल, यह टीबी मुक्त भारत अभियान का एक हिस्सा है, जिसका आधार जनभागीदारी है. उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज सही पोषण से ही सही समय पर सही दवा से ही संभव है. मेरा मानना ​​है कि वर्ष 2025 तक जनभागीदारी की इस शक्ति से भारत निश्चित रूप से टीबी से मुक्त हो जाएगा.

दमन में चल रहा ग्राम गोद लेने का कार्यक्रम

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन दीव से एक मार्मिक उदाहरण मिला है. यहां के आदिवासी क्षेत्र की जीनू रावतिया ने लिखा है कि चल रहे गांव गोद लेने के कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अपने गांव समेत नब्बे 50 गांवों को गोद लिया है. पिछले महीने मन की बात में मोटे अनाज की चर्चा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग इसे लेकर काफी उत्सुक हैं. ये एक बड़े बदलाव के संकेत हैं.

कई वर्षों के बाद हो रहे राष्ट्रीय खेलों का आयोजन

पीएम मोदी ने 29 सितंबर से गुजरात में होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों पर भी चर्चा की और कहा कि यह एक विशेष अवसर है. यह आयोजन कई वर्षों के बाद हो रहा है. पिछली बार कोरोना के कारण कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा था. उन्होंने यह भी कहा कि इस दिन खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैं उनके बीच रहूंगा. पीएम ने सभी से राष्ट्रीय खेलों का पालन करने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया.

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