चंडीगढ़ | सतलुज- यमुना लिंक नहर (SYL) पर पंजाब के साथ छिड़े विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने अब पानी के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है. प्रदेश सरकार अब गंगा के पानी को लाने की तैयारियां कर रही है. इसके लिए गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने की योजना पर विचार किया जाएगा. इस दिशा में हरियाणा सरकार जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को पत्र लिखेंगी.
इस संबंध में सीएम मनोहर लाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर मंथन किया. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गंगा नदी के पानी को हरियाणा में लाने के लिए हर एंगल से विचार किया जाए और इस पर गंभीरता से काम हो ताकि योजना को बहुत जल्द सिरे चढ़ाया जा सके. हालांकि, धरातल पर इस योजना को लाना इतना आसान नहीं होगा लेकिन खट्टर सरकार का कहना है कि इस लिंक नहर के बनने से हरियाणा में पानी की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
2030 तक गुरुग्राम को 1,000 क्यूसेक पानी
हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम की साल 2030 में जनसंख्या के अनुसार 1,000 क्यूसेक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास अभी से शुरू कर दिए हैं. इसके लिए चैनल की मरम्मत और रिमॉडलिंग पर लगभग 1,600 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके अलावा पानी के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा में जल्द ही वेस्ट वाटर पालिसी लागू की जाएगी. इस पालिसी के तहत डबल पाइप लाइन साफ पानी के लिए अलग और उपचारित पानी के लिए अलग लाइन बिछाना और माइक्रो एसटीपी स्थापित करने पर फोकस किया जाएगा.
फरीदाबाद के लिए योजना
सीएम मनोहर लाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि फरीदाबाद में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेनीवेल परियोजना से जल संचयन पर जोर दिया जाना चाहिए. इसके अलावा एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की जाए,जो यमुना में अंडरग्राउंड फ्लो से संबंधित अध्ययन करें. इसके साथ ही आकलन किया जाए कि दक्षिण हरियाणा में पानी की कितनी जरूरत है और वर्तमान में कितनी आपूर्ति हो रही है.
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