चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में मेट्रो परियोजना का रास्ता साफ, यहाँ पढ़े फर्स्ट फेज का रूट मैप

चंडीगढ़ | राजधानी चंडीगढ़ समेत पंचकूला और मोहाली (ट्राइसिटी) में मेट्रो परियोजना का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है. चंडीगढ़ के साथ हरियाणा और पंजाब ने भी कुछ सुझावों के साथ इस परियोजना में शामिल होने पर सहमति जताई है. बुधवार को यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पंजाब के प्रधान सचिव आवास एवं शहरी विकास ने राजपुरा को एनएच- 64/ पीआर- 7 जंक्शन से जोड़ने का सुझाव दिया.

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मेट्रो स्टेशन को लेकर सीएम ने दिया था सुझाव

उन्होंने चरण- 1 में पडौल, न्यू चंडीगढ़ से सारंगपुर, चंडीगढ़ तक एमआरटीएस मार्गों को शामिल करने का भी सुझाव दिया. पंजाब सरकार ने सीएमपी के संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी टिप्पणियां भी भेजी थीं, जिन्हें जांच के बाद अंतिम सीएमपी रिपोर्ट में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया है. पिंजौर- कालका को चंडीगढ़ और जीरकपुर से जोड़ने के लिए मेट्रो स्टेशन को लेकर पिछले दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से सुझाव दिया गया था.

MRTS मेट्रो प्रोजेक्ट पर चला रहा था मंथन

ट्राईसिटी में ट्रैफिक के बढ़ते दबाव के चलते कई सालों से मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) यानी मेट्रो प्रोजेक्ट पर मंथन चल रहा था. चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और अन्य विभागों के अधिकारियों ने बुधवार को यूटी प्रशासक के सलाहकार धरमपाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया सभी हितधारकों ने मेट्रो परियोजना के लिए सहमति व्यक्त की. हितधारकों के सुझावों को शामिल करते हुए फाइनल कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) को अब एक हफ्ते के भीतर मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा.

हरियाणा मास रैपिड ट्रांजिट कॉरपोरेशन (HMRTC) ने सुझाव दिया कि शहीद उधम सिंह चौक (ISBT पंचकूला) से पंचकुला एक्सटेंशन तक के कॉरिडोर को फेज- 2 के बजाय फेज- 1 में शामिल किया जाए. उन्होंने सेक्टर- 20 पंचकूला को जोड़ने के लिए एमआरटीएस कॉरिडोर को संशोधित करने का भी सुझाव दिया.

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एक सप्ताह में भेजी जाएगी केंद्र को रिपोर्ट

यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज) को अंतिम रिपोर्ट में पंजाब और हरियाणा के सुझावों को शामिल करने का निर्देश दिया. राइट्स द्वारा बुधवार को सौंपी गई अंतिम सीएमपी रिपोर्ट को सभी हितधारकों ने सर्वसम्मति से इन सुझावों के साथ मंजूरी दे दी. संशोधित रिपोर्ट अब भारत सरकार द्वारा आगे की मंजूरी के लिए एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जाएगी. बैठक में पंजाब, हरियाणा, नागरिक उड्डयन, वायु सेना प्राधिकरण, रेलवे प्राधिकरण और अन्य सभी हितधारकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

राइट्स को दिए डीपीआर बनाने के निर्देश

धर्मपाल ने राइट्स को चंडीगढ़ ट्राइसिटी में एमआरटीएस के लिए वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट (एएआर) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू करने का भी निर्देश दिया. राइट्स कंपनी ने इस अवसर पर सीएमपी के सभी पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. इसमें अध्ययन के दृष्टिकोण और उद्देश्य, शहर का मौजूदा यातायात परिदृश्य, समस्याएं और मुद्दे, लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाएं और प्रस्ताव, शहरव्यापी एकीकृत बहु- मॉडल परिवहन योजना, संस्थागत मजबूती, व्यापक लागत अनुमान आदि शामिल थे.

दो चरणों में चलेगी मेट्रो

ट्राईसिटी में मेट्रो को दो चरणों में और अन्य सभी कार्यों को तीन चरणों में पूरा किया जाना है. मेट्रो का कुल खर्च 7,680 करोड़ रुपए प्रस्तावित है. हरियाणा के सुझाव के बाद कई मेट्रो स्टेशनों के बढ़ने की संभावना है. इससे मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ेगी. राइट्स के सभी सुझावों को लागू करने पर केंद्र सरकार, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा पर करीब 10,570 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 60 फीसदी पैसा केंद्र और 40 फीसदी चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा देगा.

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मनोहर लाल ने हाल ही में दिया था सुझाव

या मेट्रो स्टेशन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में पिंजौर- कालका को चंडीगढ़ और जीरकपुर से जोड़ने का सुझाव दिया था. इसके अलावा हरियाणा ने इसे पहले चरण में शामिल करने की मांग की है. बुधवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में इस सुझाव को शामिल किया गया है. इसमें पहले चरण में पंजाब- हरियाणा सचिवालय, विधानसभा, हाईकोर्ट, एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने का सुझाव दिया गया.

साथ ही, हाउसिंग बोर्ड चौक से पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई तक रूट बनाने का भी सुझाव दिया है क्योंकि रोजाना हजारों लोग अपने काम के लिए पीजीआई जाते हैं. इसके अलावा, मेट्रो के विस्तार में घग्घर नदी और नए पंचकूला क्षेत्रों को शामिल करने और एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए मेट्रो का वैकल्पिक मार्ग बनाने का सुझाव दिया गया.

18 किमी का बिछाया जाएगा ट्रैक

अनाज मंडी चौक से पंचकूला आईएसबीटी तक 18 किमी का ट्रैक बिछाया जाएगा. राइट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मेट्रो को दो फेज में चलाने की बात कही गई है. फेज- 1 में सेक्टर- 26 की अनाज मंडी चौक से पंचकूला आईएसबीटी (बुधनपुर चौक) तक करीब 18 किलोमीटर का ट्रैक बनाने का प्रस्ताव है. आईएसबीटी- सेक्टर 43 आईएसबीटी से जीरकपुर तक 20 किलोमीटर का ट्रैक होगा. इसके बाद, दूसरा चरण शुरू होगा जिसमें आईएसबीटी पंचकूला से पंचकूला एक्सटेंशन तक साढ़े चार किमी की दूरी तक मेट्रो चलेगी फिर एयरपोर्ट चौक से गांव सनेता तक मेट्रो जाएगी.

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जंक्शन सुधार के अलावा किया गया ये मंथन

राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए कई सुझाव दिए हैं. अल्पावधि सुझावों को लागू करने के लिए पांच वर्ष का समय दिया गया है. साथ ही, कई सुझाव दिए हैं जैसे मौजूदा चौराहों और जंक्शनों में सुधार, उच्च घनत्व बस गलियारों, नई बसों की खरीद, बस टर्मिनलों में सुधार, बहुस्तरीय पार्किंग स्थल का प्रावधान, गैर- मोटर चालित परिवहन (एनएमटी) के लिए योजनाएं, साइकिल ट्रैक का प्रावधान, पगडंडियों का सुधार, यह भी बताया गया है कि इन सुधारों की कहां जरूरत है.

मेट्रो और नई लिंक रोड बनाने का सुझाव

राइट्स ने मध्यम अवधि और लंबी अवधि में मोहाली और पंचकूला सहित चंडीगढ़ में बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने का सुझाव दिया है. इसके लिए, वर्ष 2037 से वर्ष 2052 तक का लक्ष्य रखा गया है. इसमें मास रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर सिस्टम यानी मेट्रो, डेडीकेटेड बस कॉरिडोर, बस टर्मिनल और डिपो, नए निर्माण समेत लिंक रोड, पार्किंग की सुविधा, कई काम पूरे करने की बात कही गई है. इस योजना में सबसे अधिक खर्च आने वाला है. बुधवार की बैठक में इस योजना में हरियाणा और पंजाब के हितधारकों के सुझावों को भी शामिल किया गया.

ट्राईसिटी में एमआरटीएस के संबंध में पंजाब और हरियाणा राज्यों के सुझावों को कुछ संशोधनों के साथ शामिल किया गया है. इस रिपोर्ट को एक सप्ताह के भीतर आगे की मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाएगा. इसके अलावा, राइट्स को भी जल्द से जल्द एएआर यानी अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट तैयार करने और प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है. धर्मपाल, सलाहकार, यूटी प्रशासक

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