हरियाणा में किसानों और व्यापारियों के लिए लांच हुआ यह नया पोर्टल, अब घर बैठे ले पाएंगे इस काम का परमिट

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार द्वारा किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा किसानों और व्यापारियों को राहत देते हुए मिट्टी के उत्खनन जैसे कामों के लिए नए पोर्टल की शुरुआत किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अब इन्हें किसी दफ्तर में धक्के नहीं खाने होंगे. ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करके प्रिंट अपने पास रख सकते हैं. कोई भी इंस्पेक्टर उन्हें कुछ नहीं पूछेगा.

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इस काम के लिए लगने वाले ₹200 की फीस को भी खत्म कर दिया गया है. कमर्शियल कामों के लिए मिट्टी खुदाई का परमिट लेने में लगने वाले 45 दिन की समय सीमा को घटाकर 10 दिन कर दिया गया है. खनन विभाग के महानिदेशक पद पर रहे मनदीप सिंह द्वारा इस पोर्टल का निर्माण किया है.

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जटिल प्रक्रियाओं को किया गया सरल

हरियाणा निवास में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि सरकार द्वारा लांच किए गए नए पोर्टल से गांव के रेहड़ा और बग्घी वाले किसानों को भी राहत मिल पाएगी जो किसान या छोटे व्यापारी मिट्टी से संबंधित विभागीय अनुमति और बाकी प्रक्रियाओं के कारण परेशानी का सामना करना कर रहे थे, उनके समाधान के लिए इस पोर्टल को लांच किया गया है. इच्छुक व्यक्ति दो महीने तक ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ ऑफलाइन भी संबंधित माइनिंग ऑफिसर के पास जाकर एनओसी प्राप्त कर पाएंगे.

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मिट्टी भरत के काम के लिए भी कर पाएंगे ऑनलाइन आवेदन

किसान मिट्टी भरत के काम के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से एनओसी ले सकेंगे. इसके लिए उन्हें कोई भी आवेदन शुल्क नहीं देना होगा. इसके साथ ही व्यापारियों द्वारा 450 घन मीटर तक की साधारण मिट्टी के उत्खनन के कार्य की अनुमति भी इस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी. 450 घन मीटर से ज्यादा मात्रा की मिट्टी के उत्खनन के काम में शामिल व्यापारियों को भी इसी पोर्टल के माध्यम से आवेदन करके अनुमति लेनी होगी. उनको ई- रवाना भी देना होगा.

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ग्राम पंचायत को मिलेगी 50% रॉयलिटी

इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायत को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. जहां भी साधारण मिट्टी का उत्खनन काम होगा, वहां के सरपंच अथवा ग्राम सचिव से एनओसी लेनी जरूरी होगी. उत्खनन के काम से प्राप्त रॉयल्टी का 50% हिस्सा ग्राम पंचायत के खाते में जमा किया जाएगा. अब से पहले ग्राम पंचायत को जोहड़ और तालाब बनवाने के लिए निकली गई मिट्टी के निपटान के लिए जटिल विभागीय प्रक्रिया का सामना करना पड़ता था. इस प्रक्रिया को अब सरल कर दिया गया है. अब तीन से चार दिनों में इस काम का निपटारा इस पोर्टल के जरिए कर दिया जाएगा.

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