हरियाणा में तय होगी न्यूनतम मजदूरी, सभी जिलों के डीसी रेट में होगा संशोधित

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. प्रदेश सरकार ने डीसी रेट में संशोधन करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद सभी श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय हो जाएगी. सरकार के इस निर्णय से मजदूरों को फायदा होगा.

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हरियाणा सरकार की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सरकार प्रदेश के सभी जिलों में ‘डीसी रेट’ में संशोधन करने जा रही है. डीसी रेट अकुशल, अर्धकुशल व कुशल श्रमिकों की मजदूरी होती है, जो DCs की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति द्वारा तय की जाती है. सरकार न्यूनतम मजदूरी व जिला विशेष उपभोक्ता मूल्य के सिद्धांतों पर डीसी रेट तय करेगी.

इस निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री का कहना है कि इससे इन दरों को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा और कर्मचारियों को लाभ होगा. हरियाणा के मुख्य सचिव के नेतृत्व में सामान्य प्रशासन विभाग सभी श्रेणियों और जिलों के लिए डीसी रेट तय करेगा. इससे इन दरों को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा और इससे कर्मचारियों को लाभ होगा.

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डीसी रेट में प्रदेश के जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. श्रेणी-ए में जिला गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत, श्रेणी-बी में पानीपत, झज्जर, पलवल, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, भिवानी और जींद तथा श्रेणी-सी में महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी शामिल हैं.

डीसी रेट्स समूह के अनुसार, ग्रुप-बी (स्किल्ड), ग्रुप सी-1 (सेमिस्किल्ड नॉन टेक्निकल), ग्रुप सी-2 (सेमिस्किल्ड II-टेक्निकल) और ग्रुप डी (अनस्किल्ड), लागू की जाएगी. मुद्रास्फीति के साथ तालमेल बनाये रखने के लिए सालाना 5 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी जाएगी. राज्य सरकार के डीसी रेट में संशोधन के निर्णय से इन दरों को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा और इससे कर्मचारियों को लाभ होगा. डीसी रेट का प्रारंभिक उद्देश्य आसानी से उपलब्ध श्रम दर होना है.

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