चंडीगढ़ । चंडीगढ़ की रहने वाली हरनाज कौर संधू ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर 21 साल बाद भारत को गौरवान्वित करने का काम किया है. देश को इससे पहले मिस यूनिवर्स का खिताब 12 मई 2000 को मिला था तब बालीवुड अभिनेत्री लारा दत्ता ने विश्व सुंदरी बनकर भारत को यह खुशी का मौका दिया था. हरनाज कौर की पढ़ाई की बात की जाए तो फिलहाल वह पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स सेक्टर-42 की छात्रा हैं. हरनाज अभी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय में मास्टर की डिग्री पूरी कर रही हैं.
बेटी की इस उपलब्धि पर मां ने कहा कि हम वाहेगुरु के शुक्रगुजार हैं कि बेटी हरनाज ने जो चाहा वो उसे मिल गया. उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम से सफलता हासिल होती हैं लेकिन सफलता हासिल होने के बाद उसे संभाल कर रखना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है. मां ने बताया कि हरनाज कौर पूरे परिवार में 16 भाईयों की इकलौती बहन हैं.
मिस यूनिवर्स हरनाज कौर संधू की मां डॉ रविन्द्र कौर संधू मोहाली स्थित सोहाना अस्पताल में एसएमओ के पद पर कार्यरत हैं. डॉ कौर ने कहा कि इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. यह हमारे लिए बहुत ही ज्यादा खुशी का मौका है. उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार अपनी संस्कृति व संस्कारों से कभी समझौता नहीं करेगा और हमेशा जमीन से जुड़े रहने की कोशिश रहेगी.
उन्होंने कहा कि हरनाज के भारत लौटने पर सबसे पहले गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने जाएंगे. जिस वक्त हमें सूचना मिली कि मिस यूनिवर्स का ताज हरनाज के सिर पर सजा है हम गुरुद्वारा साहिब में बेटी के लिए अरदास करने गए थे. जैसे ही घर से फोन आया आंसू छलक गए. ये देश की बेटियों के लिए गर्व की बात है. सभी को बेटियों को आगे आने का अवसर देना चाहिए.
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