चंडीगढ़ | हरियाणा में अगस्त का मानसून महीना 9 वर्षों में सबसे शुष्क रहा है. चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि सितंबर में बारिश की संभावना कम है. सितंबर में आमतौर पर 77 मिमी तक बारिश होती है. इस बार कितना होगा इसका पूर्वानुमान गुरुवार को जारी होगा. अगर मॉनसून दोबारा सक्रिय हुआ तो भी इसकी भरपाई करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. सितंबर के तीसरे सप्ताह से मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी.
इस साल हुई इतने एमएम बारिश
आपको बता दें कि इस साल अगस्त में 58.4 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है, जो सामान्य से करीब 59 फीसदी कम है. इससे पहले 2014 में 34.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. सितंबर में भी कम बारिश के संकेत हैं. ऐसे में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, मानसून सीजन में 376.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से सिर्फ 8 फीसदी ज्यादा है. अगर अगले महीने भी बारिश नहीं हुई तो यह आंकड़ा और भी कम हो सकता है.
इस कारण नहीं हुई बारिश
अगस्त में कम बारिश का मुख्य कारण सक्रिय अल नीनो है. अल- नीनो की सक्रियता से मानसून में बाधा आती है. इस बात का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने पहले ही कर दिया था. अल- नीनो का असर अभी भी बना हुआ है. वहीं, बंगाल की खाड़ी में कोई कम दबाव का क्षेत्र नहीं है. जो सिस्टम बनाये गये थे वो काफी कमजोर थे. इस वजह से भी मानसून सक्रिय नहीं हुआ.
कम बारिश का खेती पर असर
अगस्त में कम बारिश का असर तापमान पर भी पड़ा है. अगस्त माह में रुक- रुक कर बारिश होने से तापमान में गिरावट आ जाती थी, लेकिन इस बार लंबे समय तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी. ज्यादातर शहरों में तापमान 35 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया है. बुधवार को हिसार का तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सिरसा में 37.8 डिग्री, भिवानी में 36 डिग्री, महेंद्रगढ़ में 37.3 डिग्री, रोहतक में 36 डिग्री और सोनीपत में 35.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. वहीं, बारिश की कमी का असर फसलों पर भी पड़ रहा है. कम बारिश के कारण खरीफ की फसलें प्रभावित हो सकती हैं.
किस वर्ष, कितनी वर्षा
वार्षिक | वर्षा (मिमी) |
2022 | 70 |
2021 | 81.9 |
2019 | 83.6 |
2018 | 76.7 |
2017 | 71.7 |
2016 | 138.2 |
2015 | 84.4 |
2014 | 34.3 |
इन पांच जिलों में सबसे कम बारिश
- हिसार- 49 प्रतिशत कम
- फतेहाबाद- 35 प्रतिशत कम
- जींद- 34 प्रतिशत कम
- रोहतक- 23 प्रतिशत कम
- भिवानी- 20 प्रतिशत कम