चंडीगढ़ । हरियाणा में इस महीने 11 लाख से अधिक परिवारों को राशन डिपो पर सरसों का तेल नहीं मिलेगा. बता दे कि बाजार में सरसों के ऊंचे दाम के चलते इस बार मंडियों में सरकारी खरीद एजेंसियां सरसो को नहीं खरीद पाए. इसी वजह से हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन महासंघ लिमिटेड के पास सरसों तेल निकालने के लिए एक भी दाना नहीं बचा है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अगले आदेशों तक राशन डिपो में सरसों का तेल नहीं दिया जाएगा.
11 लाख से अधिक परिवारों को नहीं मिलेगा डिपो से तेल
बता दे कि हरियाणा में अंत्योदय अन्न योजना, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को हर महीने 2 लीटर सरसों का तेल ₹20 प्रति लीटर के हिसाब से दिया जाता है. प्रदेश में गुलाबी कार्ड राशन कार्डों की संख्या 2लाख 48हजार 134 और बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 8लाख 92 हजार 744 है .
इन्हें कम कीमतों पर सरसों का तेल उपलब्ध कराया जाता है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पशुपालकों के साथ प्रदेश के गरीब लोगों को भी निशाना बनाया है. पहले दाल बंद की, उसके बाद सिलेंडर गैस पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म की और अब जून महीने में राशन कार्ड धारकों को सरसों का तेल देना भी बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि सरसों की रिकॉर्ड पैदावार होने के बावजूद गरीबों को खाद्य तेल उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा.
हुड्डा ने जताई सरकार की नीतियों पर आपत्ति
ऐसे में अब सरकार की कल्याणकारी नीति पर आश्रित परिवारों को बाजार से ऊंची कीमतों पर तेल खरीदना होगा. बता दे कि सरसों के तेल इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. विपक्ष द्वारा भी लगातार गरीबों को राहत देने की मांग उठाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार पहले से मिल रही राहतों में भी कटौती कर रही है. हुड्डा ने कहा कि सरकार को ना सिर्फ गरीबों को सरसों का तेल मुहैया करवाना चाहिए, बल्कि जरूरत के हिसाब से उनका कोटा भी बढ़ाना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी, महंगाई और महामारी के दौर में भी सरकार किसान और गरीबों को सताने में लगी हुई है. सरकार द्वारा पशु मेलों के लिए बनाई गई नई व्यवस्था पर भी हुड्डा ने कड़ी आपत्ति जताई. उनका कहना है कि सरकार ने पशु मेलों की फीस 10 से 20 परसेंट बढ़ाकर सीधा 1000 या खरीद पर 4% फीस लगा दी है.
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