चंडीगढ़ | किसान आंदोलन की समाप्ति के ऐलान के बाद सभी को इंतजार है कि कब से बंद हाईवे खुलेंगे. दरअसल किसान 11 दिसंबर से घर आगमन प्रारंभ कर देंगे. लेकिन इसके बाद कुंडली बॉर्डर पर केवल सर्विस रोड ही पहले खोले जाएंगे. एनजीटी के निर्देशों के कारण अभी मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सकेगा. फिलहाल एनएचआई केवल गड्ढों को ही भरेगा. एनएच 44 से वाहनों का आवागमन केवल सर्विस रोड से ही हो पाएगा.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि 378 दिनों से ज्यादा चले किसान आंदोलन का कल किसान संगठनों द्वारा समाप्ति का ऐलान कर दिया गया है. किसान 11 दिसंबर को विजय दिवस मनाएंगे उसके बाद से ही सभी बॉर्डरो से किसान घर की ओर रवाना होना शुरू कर देंगे. लेकिन एनएच 44 हाईवे अभी कुछ और दिन तक नहीं खोला जाएगा. क्योंकि हाईवे प्राधिकरण पहले इस सड़क के सभी गड्ढों को भरेंगा उसके बाद इसको खोला जाएगा. तब तक के लिए सर्विस रोड से ही वाहनों को होकर गुजरना पड़ेगा.
जानिए क्यों नहीं खुल पाएगा एनएच-44
अभी शुरुआत में केवल दोनों तरफ के सर्विस रोड से ही आवागमन किया जा सकेगा. इसमें से भी एक तरफ का सर्विस रोड पूरी तरह से खस्ताहाल है. सड़क पर बने गड्ढों को भरने में ही कई दिनों का समय लग सकता है. दूसरी तरफ दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण एनजीटी द्वारा निर्माण कार्यों पर लगाई रोक से मरम्मत कार्य तुरंत शुरू नहीं हो सकेंगे.
किसान आंदोलन वापसी की घोषणा के बाद से ही किसान अपने वाहनों तथा समान के साथ वापसी की तैयारियों में जुटे हुए हैं. 11 दिसंबर की सुबह किसानों का प्रस्थान शुरू हो जाएगा. इसके बाद भी करीब दो दिनों तक किसानों का जाना जारी रहेगा. किसानों का कहना है कि एक साथ निकलने से जाम की स्थिति बन सकती है. यही कारण है कि हाईवे पर जाम से बचने के लिए किसानों को अलग-अलग जत्थों में रवाना किया जाएगा.
सभी किसानों की रवानगी के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दोनों तरफ के सर्विस रोड को आम वाहनों के चलने लायक बनाने के लिए मरम्मत शुरू करेगा. हालांकि बढ़ते प्रदूषण के कारण एनजीटी द्वारा निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है. इसलिए शुरुआत में केवल गड्ढे को भरने का काम किया जाएगा. इस काम में भी कई दिनों का समय लग जाएगा. यही कारण है कि किसानों की वापसी के बाद भी दिल्ली आवागमन शुरू होने में करीब दो सप्ताह का समय लग जाएगा.
8 से 10 किलोमीटर तक टूटा हुआ है, जीटी रोड
नवंबर 2020 में जब किसान आंदोलन शुरू हुआ, तब जीटी रोड पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा था. जिसके कारण मुख्य लेन बंद थी और वाहनों का आगमन सर्विस लाइन से ही हो रहा था. किसान आंदोलन शुरू होने के बाद किसानों ने जीटी रोड के दोनों तरफ सर्विस रोड पर डेरा जमा लिया था. समय के साथ किसान आंदोलन बढ़ता चला गया. किसानों ने केजीपी-केएमपी से लेकर कुंडली बॉर्डर तक मार्ग को अवरुद्ध किए रखा. इस दौरान सर्विस रोड पर गड्ढे खोद दिए गए. अब इसकी मरम्मत में समय लग सकता है.
फिर शुरू होंगे टोल बैरियर
एनएचआई ने किसानों की वापसी के ऐलान के बाद से ही टोल बैरियर शुरू करने की तैयारी कर ली है. किसानों की वापसी के साथ ही जीटी रोड, एक्सप्रेस वे व अन्य हाईवे पर सभी टोल प्लाजा शुरू कर दिए जाएंगे. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि 12 दिसंबर के बाद से टोल शुरू हो सकते हैं. सोनीपत के भिगान टोल पर भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
किसानों की वापसी के साथ ही एनएचएआई ने जीटी रोड चालू करने की तैयारी शुरू कर दी है. एक तरफ का सर्विस रोड पूरी तरह से खस्ताहाल है. शुरुआत में ड्राई मरम्मत से गड्ढों को भरा जाएगा। इसमें कुछ दिन का समय लग जाएगा. जीटी रोड के दोनों तरफ के सर्विस रोड की तकरीबन 10 किलोमीटर तक मरम्मत होनी है एनजीटी का प्रतिबंध हटने के बाद यह मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा. ऐसा अनुमान है कि जीटी रोड पर दिल्ली तक वाहनों का आवागमन करीब 15 दिसंबर के बाद से ही शुरू हो सकता है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!