शस्त्र लाइसेंस के लिए हरियाणा सरकार ने लागू की नई प्रकिया, आवेदन करना होगा पहले से आसान

चंडीगढ़ | सीएम मनोहर लाल की नागरिक सेवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने की मुहिम में आज उस समय एक और अध्याय जुड़ गया है जब सीएम ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करने को हरी-झंडी दे दी. शस्त्र लाइसेंस पर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि शस्त्र लाइसेंस की आवेदन प्रक्रिया को परिवार-पहचान-पत्र के साथ लिंक किया जाए. इसके लिए एनआईसी, नागरिक संसाधन सूचना विभाग व गृह विभाग मिलकर कार्य करे. बैठक में मुख्यमंत्री को अश्वासन दिया गया है कि दो महीने के भीतर पूरी प्रक्रिया को दुरस्त कर लिया जाएगा और एक जुलाई को यह पोर्टल लॉच किया जा सकता है.

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शस्त्र लाइसैंस के लिए ट्रेनिंग होगी अनिवार्य

बैठक में निर्णय लिया गया कि शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने वालों को पुलिस विभाग से कम से कम एक सप्ताह की शस्त्र बारे व फायरिंग की ट्रनिंग लेनी अनिवार्य होगी. अधिकारियों ने सीएम को अवगत करवाया कि आरम्भ में पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र मधुबन, करनाल, भोंडसी, गुरुग्राम, सुनारिया रोहतक व रोहतक के अलावा हरियाणा पुलिस की सिरसा, नारनौंल, जीन्द व कुरुक्षेत्र की फायरिंग रेंज में ट्रेनिंग दी जा सकती है. लाइसेंस के आवेदन करने वाले को ट्रेनिंग का विकल्प भी भरना होगा और ट्रेनिंग के बारे आवेदक के मोबाइल पर मैसज भेज दिया जाएगा.

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इस बात की भी जानकारी दी गई कि शस्त्र अधिनियम के तहत लाईसेंस प्रदान किए जाते हैं और इस अधिनियम में वर्ष 2016 व वर्ष 2019 में संशोधन भी किए गए हैं. अधिनियम के अनुसार पहले शस्त्र लाइसेंस फसलों की सुरक्षा तथा व्यक्ति की निजी सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं.

वर्तमान में शस्त्र लाइसैंस की अवधि पांच वर्ष की है. पंजीकृत सुरक्षा एजेंसियों को भी नियमानुसार रिटेलर लाइसेंस दिए जाते है. सीएम ने निर्देश दिए कि लाईसेंस श्रेणियां प्राथमिकता के आधार पर वर्णित हो और प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता हो तथा सभी जिलों के शस्त्र लाइसेंसों के डाटा की समीक्षा नियमित आधार पर की जाए.

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