चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में पंजाब का कोई भी विधायक, अधिकारी या कर्मचारी बिना पहचान पत्र के विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएगा. बता दें कि पिछले बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर अकाली विधायकों द्वारा किए गए हमले के बाद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा यह व्यवस्था की गई है.
मानसून सत्र के दौरान होने वाली बैठकों की बढ़ाई गई सुरक्षा
मानसून सत्र के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और कानून व्यवस्था के लिए हरियाणा के स्पीकर द्वारा पंजाब और चंडीगढ़ मे पुलिस प्रशासको की बैठक बुलाई गई. तीनों राज्यों के अधिकारियों की यह बैठक इसी सप्ताह होगी. बता दें कि इस बैठक में हरियाणा पंजाब व चंडीगढ़ के पुलिस महानिरीक्षकओ द्वारा स्पीकर को सौंपी गई रिपोर्ट पर मंथन किया जाएगा. इस रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा और पंजाब विधानसभा में प्रवेश के लिए 7 कॉमन द्वार है.
इन सातों द्वारों पर पुलिस सिक्योरिटी टाइट रहेगी. बता दें कि मुख्यमंत्री पर हमला करने से पहले अकाली विधायक विधानसभा की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में बैठे थे, इस बार पार्किंग एरिया में भी मजबूत सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे. हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त से शुरू हो रहा है. विधान सभा सचिवालय इसकी तैयारियों में लगा हुआ है. स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा विधानसभा में एक सीट पर एक विधायक के बैठने की व्यवस्था की गई है. विधानसभा सचिवालय का पूरा जोर टाइट सिक्योरिटी पर रहेगा.
वहीं पुलिस महानिदेशक मनोज यादव मुख्यमंत्री पर हुए हमले के मामले में अपनी तीन रिपोर्ट भी स्पीकर को दे चुके हैं, इन रिपोर्ट से स्पीकर संतुष्ट नहीं है. जिस वजह से उन्होंने यह मामला विधानसभा की विशेषाधिकार हनन कमेटी को भेज दिया है. स्पीकर के अनुसार प्रिविलेज कमेटी को यह अधिकार है कि वह पूछताछ के लिए डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को बुला सकते हैं. यदि उन्हें लगता हो तो सीएम पर हुए हमले का मामला विधानसभा में चर्चा के लिए भी भेजा जा सकता है. फिर विधानसभा उस पर कोई निर्णय ले सकती है.
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