चंडीगढ़ । हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों के पास प्राइवेट ऑक्सीजन जनरेटर क्यों नहीं है. रेमेडीसविर प्राइवेट हॉस्पिटल खुद मैनेज क्यों नहीं करते. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में रेमेडीसविर की कोई कमी नहीं है. प्राइवेट अस्पताल रेमेडीसविर की पर्ची लिखकर मरीजों को क्यों देते हैं. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है व हल्ला मच रहा है.
प्राइवेट अस्पतालों के पास प्राइवेट ऑक्सीजन जनरेटर क्यों नहीं है
अनिल विज ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि हरियाणा में अब नए प्राइवेट अस्पताल के लिए एनओसी तब मिलेगी, जब उसमें ऑक्सीजन जनरेटर लगे होंगे. वही पुराने प्राइवेट अस्पतालों को भी कहा गया है कि वह शीघ्र ही यह लगवाए. ऑक्सीजन जनरेटर 6 सरकारी अस्पतालों में 4 महीने पहले ही लगाने के आदेश दिए गए थे.
बहुत जल्द यह शुरू हो जाएंगे. गुरुग्राम, अंबाला,फरीदाबाद, सोनीपत समेत 6 सरकारी अस्पतालों में यह शुरू हो रहे हैं. अनिल विज ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. हम व हमारे सारे अधिकारी इसी चीज में लगे हुए हैं कि ऑक्सीजन की कमी ना आए. प्रत्येक जिले को आवंटित की गई ऑक्सीजन का सही वितरण करने के लिए जिला स्तर पर उच्च अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी का भी गठन किया जाए.
उच्च अधिकारियों की अध्यक्षता में बनाई जाए कमेटी
बता दें कि है कमेटी जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आवश्यकता अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करें. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार द्वारा अलॉट ऑक्सीजन सप्लाई का समय पर पूरा उठान किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों की निगरानी के लिए एक अधिकारी की तैनाती की जाए. वही उपायुक्तों को निर्देश दिए गए कि वह आरटी पीसीआर टेस्टिंग रिपोर्ट समय पर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें.
इसके साथ ही जिलों के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आईसीयू में ऑक्सीजन व बेड की उपलब्धता पर भी निगरानी रखें. ताकि मरीजों की उचित प्रकार से देखभाल की जा सके. अनिल विज ने कहा कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है इसलिए हमने कड़े निर्णय लिए हैं.
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