चंडीगढ़ | हरियाणा में सहायक प्रोफेसर कॉलेज कैडर भर्ती के लिए अब मैट्रिक से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की चार परीक्षाओं में से दो में कम- से- कम 50% अंक अनिवार्य होंगे. पहले 3 में से 2 में 50 फीसदी अंक आवश्यक थे. उच्चतर शिक्षा विभाग ने सहायक प्रोफेसर भर्ती नियमों में संशोधन का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा था. मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद अब विभाग इन नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में लग गया है.
नियम अनुसूचित होते ही आयोग को भेजा जाएगा आग्रह पत्र
जैसे ही ये संशोधित नियम अधिसूचित हो जाएंगे. इसके बाद, उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा लोक सेवा आयोग को सहायक प्रोफेसर के लगभग 3,000 पदों पर भर्ती करने के लिए आग्रह पत्र भेजेगा. आयोग की तरफ से भी विज्ञापन की तैयारी हो चुकी है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भर्ती न होने पर नाराजगी जाहिर की थी. विभाग ने रोस्टर पॉइंट तैयार कर लिया है. कितने पदों पर भर्ती होनी है. फिलहाल, इसके बारे में कोई भी फैसला नहीं हुआ है. स्टूडेंट्स की संख्या के मुताबिक सहायक प्रोफेसरों के पदों की गणना की जाएगी.
गुड एकेडमिक रिकॉर्ड
क. संबंधित/ प्रासंगिक/ संबद्ध विषय (जैसा कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है) में 55 फीसदी अंकों (या जहां भी ग्रेडिंग प्रणाली की पालना की जाती है, वहां पॉइंट-स्केल में समकक्ष ग्रेड) के साथ मास्टर डिग्री के साथ अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड समय- समय पर किसी भारतीय विश्वविद्यालय से या किसी मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री. पहले ग्रेड के स्केल थे मगर अब ग्रेड बराबर हो गए है.
ख. अब दसवीं या समकक्ष परीक्षा से मास्टर डिग्री तक की चार परीक्षाओं (दसवीं, दस जमा दो, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन) में से औसत 55 फीसदी अंक या दो अलग- अलग परीक्षाओं में से कम- से- कम 50 फीसदी अंक जरूरी कर दिए गए है. पहले 3 दसवीं से ग्रेजुएशन तक की तीन परीक्षाओं में औसत 55 फीसदी अंक जरूरी थे.
ग. (बी) अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ पिछड़ा वर्ग ‘ए’ और ‘बी’ (गैर- क्रीमी लेयर) से संबधित उम्मीदवारों के लिए स्नातक के साथ- साथ मास्टर स्तर पर 5 फीसदी की छूट की अनुमति दी जा सकती है. हरियाणा/ दिव्यांग (ए) अंधापन और कम दृष्टि; (बी) बहरा और सुनने में कठिन; (सी) सेरेब्रल पाल्सी, ठीक हुए कुष्ठ रोग, बौनापन, एसिड- हमले के शिकार और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर विकलांगता; (डी) ऑटिज्म, बौद्धिक विकलांगता, विशिष्ट सीखने की विकलांगता और मानसिक बीमारी; (ई) सीधी भर्ती के लिए पात्रता के उद्देश्य से (ए) से (डी) बधिर- अंधत्व सहित) के तहत व्यक्तियों में से एकाधिक विकलांगता, 55 फीसदी अंकों की पात्रता अंक (या जहां भी ग्रेडिंग प्रणाली का पालन किया जाता है, वहां एक पॉइंट स्केल में समकक्ष ग्रेड) और ऊपर उल्लिखित श्रेणियों के लिए 5 फीसदी की छूट, बिना किसी ग्रेस मार्क प्रक्रिया को शामिल किए केवल योग्यता अंकों के आधार पर स्वीकार्य है.
पीएचडी है तो नेट की जरूरत नहीं लेकिन पीएचडी 2009, 2016 के मानकों अनुसार हो
क. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) या वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) या यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त एक समान परीक्षा, जैसे एसएलईटी/ एसईटी या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (एम.फिल./ पी.एच.डी. डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम, 2009 या 2016 और समय-समय पर उनके संशोधनों के अनुसार जो पीएचडी से सम्मानित हैं या सम्मानित किए गए हैं को नेट/ एसएलईटी/ एसईटी से छूट दी जा सकती है. बशर्ते, उम्मीदवार पीएचडी प्रोग्राम के लिए 11 जुलाई 2009 से पहले पंजीकृत हों डिग्री और ऐसी पीएच.डी. प्रदान करने वाले ऐसे संस्थान तत्कालीन मौजूदा अध्यादेशों/ उपनियमों/ विनियमों के प्रावधानों द्वारा शासित होंगे के उम्मीदवारों को निम्नलिखित शर्तों की पूर्ति के अधीन विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों/ संस्थानों में सहायक प्रोफेसर या समकक्ष पदों की भर्ती और नियुक्ति के लिए नेट/ एसएलईटी/ एसईटी की आवश्यकता से छूट दी जाएगी.
- पीएचडी उम्मीदवार की डिग्री नियमित रूप से प्रदान की गई हो.
- पीएचडी थीसिस का मूल्यांकन कम से कम दो बाहरी परीक्षकों द्वारा किया गया हो.
- पीएचडी उम्मीदवार की खुली मौखिक परीक्षा आयोजित की गई हो.
- अभ्यर्थी ने अपने पीएचडी कार्य से दो शोध पत्र एक रेफर्ड जर्नल में प्रकाशित किए हो.
- उम्मीदवार ने अपने पीएचडी के आधार पर कम से कम दो पेपर यूजीसी/आईसीएसएसआर/सीएसआईआर या किसी समान एजेंसी द्वारा प्रायोजित/वित्त पोषित/समर्थित सम्मेलनों/सेमिनारों में प्रस्तुत किए हों.
इन शर्तों की पूर्ति को संबंधित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार या डीन (शैक्षणिक मामले) द्वारा प्रमाणित किया जाएगा. ऐसे विषयों में मास्टर्स प्रोग्राम के लिए भी नेट/ एसएलईटी/ एसईटी की आवश्यकता नहीं होगी, जिसके लिए वे प्रोग्राम या समकक्ष नहीं किया जाता है. नेट/ एसएलईटी/ एसईटी की आवश्यकता नहीं होगी यदि पीएचडी की डिग्री निम्नलिखित में से किसी एक द्वारा विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग (किसी भी समय) में शीर्ष 500 में रैंकिंग के साथ एक विदेशी विश्वविद्यालय/ संस्थान क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस), द टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) या शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी (शंघाई) की विश्व विश्वविद्यालयों की अकादमिक रैंकिंग (एआरडब्ल्यूयू) से प्राप्त की गई हो.
जल्दी शुरू होगा भर्ती का कार्य
उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि मंत्रिमंडल से संशोधित नियम मंजूर हो चुके है. इन्हें अधिसूचित करने की प्रक्रिया जारी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कह दिया है कि एडेड प्राइवेट कॉलेज का स्टाफ मर्ज नहीं होगा, इसलिए सरकारी कॉलेजों के लिए सहायक प्रोफेसर पदों की भर्ती का काम नियम अधिसूचित होते ही शुरू हो जाएगा.
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