चंडीगढ़ | हरियाणा के लोग वर्षों से किसी घटना, दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में 100 नंबर डायल करते थे जिसके बाद नजदीकी पुलिस मौके पर पहुंचकर मदद करती थी. लेकिन अब हरियाणा में 100 की जगह 112 नंबर डायल करना होगा जिसके बाद आपातकालीन (Emergency) स्थिति में पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की सुविधा उपलब्ध होगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कल यानी 12 जुलाई को डायल-112 का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान सरकार की ओर से रविवार को प्रदेश के सभी जिलों में आधुनिक गाड़ियां रवाना की जाएंगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पहले कार्यकाल के दौरान ही इमरजेंसी सेवाओं को केवल एक ही नंबर से जोड़ने की नीति भी बनाई गई थी. डायल-112 योजना को सुव्यवस्थित रूप से चलाने के लिए सरकार ने पंचकूला में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया है. सरकार ने सी-डेक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग) के माध्यम से इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड स्पोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) प्रोजेक्ट की स्थापना की है.
सी-डेक को करीब 152 करोड़ रुपए के भुगतान के अलावा करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से 630 नए इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स की खरीद भी की गई है. ये व्हीकल्स विभिन्न आपातकालीन उपकरणों से लैस होंगे. प्रोजेक्ट पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद हरियाणा के प्रत्येक नागरिक को शहरी क्षेत्रों में पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल करने पर 15 मिनट के भीतर व ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के भीतर आपातकालीन पुलिस सेवाएं उपलब्ध होंगी.
इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर के लिए पंचकूला के सेक्टर-1 में पहले से ही एक आधुनिक भवन का निर्माण किया गया है, जहां कंट्रोल रूम होगा. गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि प्रदेश वासियों को आपातकालीन सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए एक ही नंबर डायल करना पड़ेगा. योजना के तहत सभी जिलों को पुलिस वाहन मुहैया करवाए गए हैं.
हरियाणा में डायल 112 मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसका उद्घाटन 26 जनवरी, 2021 को होना था लेकिन पिछले साल कोरोना के चलते यह लंबित होता गया. इस मामले को लेकर गृहमंत्री अनिल विज और डायल 112 के प्रभारी एडीजीपी के बीच विवाद भी हुआ था. लंबी जद्दोजहद के बाद अब यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने जा रहा है. देश में यह प्रोजेक्ट 20 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में काम कर रहा है. चार राज्यों में लागू किया जा रहा है.
कॉल सेंटर में 4 भाषाएं
हेल्पलाइन 112 का मुख्यालय पंचकूला में बनाया गया है. जहां पर चार भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, हरियाणवी और पंजाबी) समझने वाले लोगों को नियुक्त किया गया है. ये कर्मचारी प्रदेश भर से आने वाले फोन कॉल को सुनकर आगे रिस्पांस टीम तक अपने संदेश भेजेंगे.
ऐसे होगा काम
- जिस तरह नागरिक 100 नंबर पर कॉल करते हैं वैसे ही डायल 112 करना है. दोनों ही नंबरों पर पुलिस की मदद मिलेगी. दावा है कि 112 डायल करने व सूचना देने के महज 15 मिनट में पुलिस घटना स्थल या पीड़ित के पास पहुंचेगी.
- 112 डायल करने पर कॉल सीधे पंचकूला स्थित मुख्यालय में कनेक्ट होगी, वहां से लोकेशन ट्रेस करके घटना स्थल या पीडि़त के नजदीक उपस्थित डायल 112 गाड़ी के स्टाफ को सूचित किया जाएगा. इसके बाद पुलिस इमरजेंसी रिस्पॉन्स के तहत तुरंत मूव करेगी और मौके पर पहुंचेगी.
- डायल 112 सोशल मीडिया से भी कनेक्ट रहेगा. यूजर्स होमपेज में जाकर शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे. महिलाओं व छात्राओं को दुर्गा शक्ति के अलावा डायल 112 का पूरा सहयोग मिलेगा. सभी गाड़ियां जीपीएस लैस होंगी. उनकी मूवमेंट पर मुख्यालय की भी नजर रहेगी.