हरियाणा सरकार का फैसला: अब सेमग्रस्त भूमि पर भी खेती कर सकेंगे किसान, पढ़े क्‍या है सरफेस ड्रेनेज तकनीक

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार किसानों के उत्थान को लेकर लगातार प्रयासरत हैं और इस दिशा में लगातार किसानों की समस्याओं का समाधान कर उनकी मदद भी कर रहीं हैं. अब प्रदेश सरकार सेमग्रस्त भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए एक खास तकनीक लेकर आई है. सरफेस ड्रेनेज नाम की इस तकनीक की मदद से सेम ग्रस्त भूमि के नीचे से पानी निकाला जाएगा. इस समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए सरकार ने एक पोर्टल लॉन्च किया है. जो भी किसान इस तकनीक का फायदा उठाना चाहते हैं तो उन्हें इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

Kisan Fasal

एक लाख एकड़ जमीन को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य

प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही हरियाणा सरकार ने इस साल 1 लाख एकड़ सेमग्रस्त और लवणीय भूमि को उपजाऊ बनाने का टारगेट निर्धारित किया है. झज्जर, रोहतक, सोनीपत, भिवानी, हिसार और सिरसा में करीब 20 हजार एकड़ सेमग्रस्त जमीन से पानी निकालने का काम शुरू हो चुका है. खास बात यह कि सेमग्रस्त या बंजर भूमि को खेती करने योग्य बनाने के लिए प्रति एकड़ करीब 45 हजार रुपये का खर्च आता है जिसमें से किसान को सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च ही वहन करना पड़ेगा. सरकारी स्तर पर 12 जिलों में सेम की समस्या को चिह्नित किया गया है.

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क्‍या है सरफेस ड्रेनेज तकनीक

सेमग्रस्त जमीन से पानी निकालने में सरफेस ड्रेनेज तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है. इस तकनीक में दो से तीन मीटर की गहराई पर जमीन में पाइप दबाए जाते हैं. इन पाइपों में छेद होते हैं जिनकी मदद से पानी पाइपों से होता हुआ एक कुएं रूपी गड्ढे में इक्कठा किया जाता है.

सरकार का प्रयास है कि इस पानी की निकासी कर इसे आसपास के जोहड़ में डाला जाएं ताकि इस योजना के साथ मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा सकें. इसके अलावा सौर ऊर्जा आधारित जल निकासी प्रणाली की मदद से बारिश और सेम का पानी निकाल कर नजदीकी ड्रेन में डाला जाएगा.

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किसान पोर्टल पर अपलोड करें प्रभावित जमीन का ब्योरा

सूबे के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसान जलभराव व सेम ग्रस्त प्रभावित भूमि की समस्या को दूर करने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जहां पर कम से कम 250 एकड़ सेमग्रस्त या बंजर जमीन पोर्टल पर दर्ज होगी, वहीं पर ही सरकार के प्रोजेक्ट शुरू होंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों तक उचित जानकारी नहीं होने से इस योजना का लाभ लेने में मुश्किलें आ रही है.

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कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि वर्तमान में ज्यादा बारिश होने से जिन जिलों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है , वहां पर जल निकासी का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिस जमीन पर साल भर तक पानी खड़ा रहता है उस जमीन को भी इस तकनीक की मदद से खेती करने योग्य बनाया जाएगा.

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