चंडीगढ़ | माता वैष्णो देवी मंदिर हिंदुओं के एक महत्वपूर्ण पवित्र स्थान जम्मू में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक मां के दरबार में हाजिरी लगाते हैं लेकिन बेस कैंप कटरा से माता वैष्णो देवी भवन तक का कई किलोमीटर का पहाड़ी सफर काफी कठिन होता है. ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए यह सफर काफी मुश्किल हो जाता है.
कई श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर, खच्चर या पालकी से यह यात्रा करना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह बहुत महंगा होता है. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी समस्या पैदल ही पहाड़ की यात्रा करना है. ऐसे में सरकार की ओर से इसका समाधान निकाला गया है. अब जल्द ही लाखों श्रद्धालु कटरा से वैष्णो देवी भवन की यात्रा चंद मिनटों में पूरी कर सकेंगे और उनका खर्चा भी काफी कम होगा. आइए जानते हैं इसके बारे में…
पवित्र वैष्णो देवी तीर्थ की ऊंचाई समुद्र तल से 5 हजार 300 फीट है. माता का दरबार जिसे भवन भी कहा जाता है. वहां तक पहुँचने के लिए तीर्थयात्रियों को शिविर कटरा से 13 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. पैदल चलने के अलावा कटरा से भवन तक जाने के लिए घोड़ा, खच्चर, पिट्ठू या पालकी की सवारी भी मिलती है, जिसकी फीस श्राइन बोर्ड ने तय की है. इसके अलावा, कटरा से सांझी छत तक दैनिक हेलीकाप्टर सेवा भी है जो प्री- बुकिंग आधारित है.
सांझी छत से 2.5 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. उच्च लागत और धार्मिक मान्यताओं के कारण, भक्त कटरा से भवन तक पैदल ही जाते हैं. 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, यहां करीब 91 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आए इनमें से ज्यादातर 12 किमी लंबे ट्रैक से होकर जम्मू के पास 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिकूट पर्वत पर स्थापित मंदिर तक पहुंचे.
कई सालों से ऐसी सवारी की थी मांग
ऐसे में कई सालों से ऐसी सवारी की मांग की जा रही थी जो लोगों को कटरा से भवन तक आसानी से ले जा सके. ऐसे में सरकार द्वारा रोप वे के निर्माण को लेकर प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 250 करोड़ की लागत वाले रोपवे प्रोजेक्ट की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है. खास बात यह है कि इस रोपवे के बनने के बाद कई घंटों और थकान से भरा यह सफर बेहद आसान हो जाएगा. रोप वे से यह सफर कई घंटे से घटकर सिर्फ 6 मिनट रह जाएगा. इस रोपवे की लंबाई 2.4 किमी होगी. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस ने रोपवे के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं.
यह रोपवे परियोजना 3 साल में पूरी होगी. रोपवे कटरा के बेस कैंप ताराकोट से शुरू होगा. यह माता वैष्णो देवी के मंदिर के पास सांझी छत तक जाएगी. रोपवे में गोंडोला केबल कार सिस्टम लगाया जाएगा. गोंडोला केबल कार सिस्टम को एरियल रोप वे के नाम से भी जाना जाता है. यह एक तरह का एरियल केबल कार सिस्टम है. इसमें एक केबिन कई तारों के माध्यम से पहाड़ों या खाड़ियों में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाता है.
पर्यटन को भी विशेष बढ़ावा मिलेगा
इसमें टू वे वायरिंग सिस्टम है. दोनों केबिन ट्रैक्शन वायर के जरिए मजबूती से जुड़े हुए हैं. दो साल पहले माता वैष्णो देवी मंदिर से त्रिकुटा पर्वत के ऊपर पहाड़ पर स्थित भैरों मंदिर तक रोपवे शुरू किया गया था, जो काफी सफल रहा है. इसके लिए, थकान और मुश्किलों से भरे भैरों मंदिर तक की यात्रा बेहद आसान हो गई है. इस रोपवे के बनने से न सिर्फ श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी बल्कि इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा.
वहीं, दूसरी ओर पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र बनेगा क्योंकि इसमें सवार होकर वे पहाड़ों के मनोरम दृश्य देख सकेंगे. इससे पर्यटन को भी विशेष बढ़ावा मिलेगा.
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