चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य देश के कृषि प्रधान राज्यों में से एक है. पूरे देश में होने वाले कृषि फसलों के उत्पादन का कई प्रतिशत तो अकेले हरियाणा राज्य के किसान ही पैदावार करते हैं. राज्य सरकार द्वारा कृषि और किसानों के लिए समय-समय पर तमाम तरह की योजनाएं भी लाई जाती. बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों से बैठक के दौरान कृषि से जुड़े तमाम बड़े फैसले लिए.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बीते गुरुवार को प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों की उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन हुआ. इस समीक्षा बैठक के दौरान मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरी विरासत और कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर तैयारियों पर चर्चा की गई. बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे. पी. दलाल भी उपस्थित रहे.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर प्राथमिकता आधार पर राज्य की शत प्रतिशत भूमि का पंजीकरण किया जाए. मुख्यमंत्री द्वारा इस बात की भी निर्देश दिए गए कि जिला उपायुक्त यह भी सुनिश्चित करें कि प्रत्येक एकड़ भूमि की मैपिंग करवाई जाए और इस कार्य में लगे कर्मचारियों का प्रशिक्षण जल्द से जल्द करवाया जाए.
अधिकारियों को मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश
- उपायुक्त जीरो एरर एप्रोच के साथ खेतों का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करें. साथ ही किसानों को इन योजनाओं से अवगत कराने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए.
- मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर खेती योग्य भूमि के साथ-साथ खाली भूमि का पंजीकरण भी सुनिश्चित करे.
- उपायुक्त किसानों को जागरूक करें कि इस पंजीकरण के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और बागवानी विभाग द्वारा लागू की जा रही वित्तीय और सब्सिडी योजनाओं का लाभ त्वरित और सरलता से उठा सकेंगे. हर गांव का अलग डैशबोर्ड बनाया जाए. MFMB पर दर्ज की गई भूमि का दैनिक डाटा गांव के लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए.
- किसानों को दलहन, कपास, मक्का आदि वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं और 2 लाख एकड़ के लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त करें.
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के लिए चलाई गई तमाम योजनाओं से भी अवगत कराया. मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत सरकार के तमाम लक्ष्यों की जानकारी प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों को दी.
खास तौर पर इस बात की जानकारी दी कि हरियाणा में किसानों को बाजरा के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है. इसके तहत अन्य फसलें उगाने के लिए 4000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन रकम मिलेगी. अधिकारियों को इस बात के भी आदेश दिए गए की, वो सरकार की तमाम योजनाओं से किसानों को रूबरू कराएं और उनको वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करें.
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