चंडीगढ़ | हरियाणा में इस बार दिवाली पर लोग पटाखे नहीं फोड़ पाएंगे. हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस बार बोर्ड ने दो घंटे तक भी पटाखे नहीं फोड़ने की इजाजत देकर सख्त रवैया अपनाया है. हालांकि, बोर्ड ने सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है. इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों को इसका कड़ाई से पालन कराने के लिए पत्र लिखने का निर्देश दिया गया है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के आधार पर लगाया है. पत्र में लिखा है कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदूषण का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है और अब यह भयावह स्थिति पैदा कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर से जनवरी के महीनों के दौरान राज्य में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. पटाखे जलाने से प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 से पीएम 10 तक पहुंच जाता है, जो बेहद खतरनाक है. इससे खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसलिए जनहित में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है
पिछले साल दो घंटे की थी छूट
पिछले साल अक्टूबर 2021 में एनसीआर के 14 जिलों में पटाखा जलाने पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा बाकी जिलों में सिर्फ दो घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई.
हरियाणा समेत तीन राज्यों में करोड़ों का कारोबार
हरियाणा में होलसेल पटाखा का कारोबार 500 करोड़ रुपये से लेकर 700 करोड़ रुपये तक का है. राजस्थान में भी यह कारोबार एक हजार करोड़ रुपये तक का है. अकेले उत्तर प्रदेश में पटाखों का कारोबार दो हजार करोड़ का है. पटाखों पर प्रतिबंध का असर हरियाणा के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के थोक विक्रेताओं पर भी पड़ेगा. करनाल, यमुनानगर, फरीदाबाद और अन्य जिलों में पटाखे बनाने की फैक्ट्रियां हैं.
पी. राघवेंद्र राव (अध्यक्ष, राज्य प्रदूषण बोर्ड) ने कहा कि यह प्रतिबंध विशेषज्ञों की रिपोर्ट और बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के फैसलों को देखते हुए लगाया गया है. पटाखों को जलाने से प्रदूषण ज्यादा फैलता है. बोर्ड की अपील है कि प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे न जलाएं और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करें.
पिछले साल एक्यूआई बेहद गंभीर श्रेणी में था पहुंचा
पिछले साल हरियाणा में दिवाली के दौरान नौ जिलों में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 400 के आपातकालीन स्तर को पार कर गया था. इनमें अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद शामिल थे. इसके अलावा, यमुनानगर में एक्यूआई 999 और पानीपत में 711 पर पहुंच गया था.
ऐसे समझें एक्यूआई का स्तर
201 से 300 – खराब
301 से 400 – बहुत खराब
401 से 450 – गंभीर
450 से ऊपर – बहुत गंभीर