चंडीगढ़ | हरियाणा में आगामी सितंबर में पंचायत चुनाव संभव हैं. राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 30 सितंबर 2022 तक चुनाव कराने को कहा है. अब इस पर फैसला राज्य सरकार को लेना है. इसके अलावा अधिनियम में पंचायतों में पिछड़ा वर्ग ए (बीसीए) को दिए गए आरक्षण को समाप्त करने का निर्णय लिया जाना है. राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार को भेज दिया है. मिली जानकारी के अनुसार जिला परिषद प्रधान और पंचायत समिति अध्यक्ष पद के लिए कोई सीधा चुनाव नहीं होगा.
इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर चल रही खबरें महज अफवाह हैं. जानकारी के मुताबिक अगर बीसीए को दिए गए आरक्षण को खत्म करना है तो एक्ट में संशोधन करना होगा और बीसीए कैटिगरी को दिए गए रिजर्वेशन शब्द को उसमें से हटाना होगा. जैसे ही राज्य सरकार बीसीए के आरक्षण को समाप्त करने का फैसला करती है, पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर बीसीए के लिए आरक्षित वार्ड अनारक्षित हो जाएंगे. अतः क्षेत्र में पंचायत स्तर पर पंचों के वार्ड, पंचायत समिति में सदस्यों के लिए व जिला परिषद में सदस्यों के वार्डों को अनुसूचित जाति एवं बीसीए के लिए अलग-अलग आरक्षित करने का कार्य, लगभग पूरा हो चुका है.
लेकिन विकास और पंचायत स्तर पर सरपंच, पंचायत समिति के अध्यक्ष और जिला परिषद प्रधान के पद के लिए अनुसूचित जाति के आरक्षण की घोषणा की जानी थी. लेकिन आज तक इस आरक्षण की घोषणा नहीं की गई है. जब निदेशालय स्तर पर सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति के लिए पंचायतों की घोषणा की गई तो शेष पंचायतों से सरपंच पद के लिए बीसीए को आरक्षण देने का ड्रा निकाला जाएगा. यदि राज्य सरकार बीसीए को दिए गए आरक्षण को समाप्त कर देती है, तो पंचायत सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों के लिए वे सभी वार्ड जो बीसीए के लिए ड्रा में तय किए गए हैं, वे सभी वार्ड अनारक्षित हो जाएंगे. इसके लिए फिर से आकर्षित करने की आवश्यकता नहीं है.
वहीं इस मामले में मंत्री देवेंद्र बबली का कहना है कि फिलहाल अभी ऐसा कुछ नहीं है.चुनाव से पहले एक बैठक होगी, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा. आरक्षण खत्म होगा या नहीं होगा यह बिल्कुल अफवाह है. अधिनियम में जो प्रावधान है अभी तक वही है.
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