चंडीगढ़ l प्रदेश में पंचायत चुनाव राजस्थान के पैटर्न पर हो सकते हैं. इसके तहत जिला परिषद और ब्लाक समिति के चुनाव अलग चरण में होंगे तथा सरपंच और पंच के चुनाव अलग चरण में होंगे. शहरी निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं कराने का सरकार का इरादा है. चूंकि शहरी निकाय चुनाव पर कोर्ट में किसी तरह का विवाद नहीं है, इसलिए यह चुनाव पहले हो सकते हैं. पंचायत चुनाव में आरक्षण का मसला हाईकोर्ट में लंबित है. इसलिए हाईकोर्ट का फैसला आने तक इन चुनाव के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में जिला करनाल में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में पंचायत व शहरी निकाय चुनाव पर कई घंटे तक मंथन हुआ. बैठक में अधिकतर विचार आए कि पंचायत चुनाव में देरी करना उचित नहीं है. इससे संदेश अच्छा नहीं जाएगा.
भले ही हाईकोर्ट में केस है, लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार को यह विकल्प भी दिया है कि यदि उसे जल्द चुनाव कराने हैं तो पुरानी व्यवस्था से कराने होंगे और इस बारे में कोर्ट को लिखित जानकारी देनी होगी. हरियाणा सरकार ने महिलाओं को 50 फीसद और ओबीसी को आठ फीसद आरक्षण पंचायतों में दिया है, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई है. 13 सितंबर को इस पर सुनवाई होनी है.
प्रदेश सरकार के पुराने पैटर्न पर चुनाव कराने की स्थिति में बिना आरक्षण व्यवस्था के चुनाव कराने होंगे. साथ ही यह सुझाव भी आया कि पंचायत चुनाव दो चरणों में होने चाहिए. राजस्थान में यही पैटर्न अपनाया गया है. शहरी निकाय चुनाव को लेकर कुछ पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि सिर्फ चेयरमैन का चुनाव सिंबल पर लड़ा जाना चाहिए, पार्षद का नहीं, लेकिन, ऐसा करने पर राजनीतिक सौदे होने की आशंका के चलते इस प्रस्ताव को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया. मुख्यमंत्री ने राय दी कि भले ही कोर्ट का फैसला दो से तीन माह में आए, लेकिन हमें अपनी तैयारी अगले एक माह में चुनाव होने के हिसाब से करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री खट्टर की इस राय का मतलब यह निकाला जा रहा है कि अगले एक से डेढ़ माह के भीतर शहरी निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं. इसके बाद पंचायत चुनाव होंगे. तब तक हाईकोर्ट का फैसला आ गया तो ठीक, अगर नहीं आया तो आरक्षण व्यवस्था को वापस लेने संबंधी हलफनामा कोर्ट में दायर कर चुनाव पुराने पैटर्न पर करा सकती है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी के अनुसार शनिवार की बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ, बल्कि यह बैठक रायशुमारी के लिए हुई. कोर कमेटी की बैठक में चुनाव पर फाइनल निर्णय लिए जाएंगे. इसी बैठक में जजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने पर कोई अंतिम सहमति बनाई जाएगी. गौरतलब है हरियाणा राज्य में पंचायत चुनाव तैयारियां जोरो पर हैं. प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव राजस्थान के पैटर्न पर हो सकते हैं. इसके तहत पंचायत चुनाव को 2 चरणों में कराने पर निर्णय लिया जा रहा है. अब देखना होगा कि क्या फैसला होता है.
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