चंडीगढ़ । विकास एवं पंचायत विभाग चाहता है कि पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को नंबर अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार दिए जाएं. इससे किसी भी प्रकार का आरोप अफसरों या सरकार पर पक्षपात का नहीं लग सकेगा. यह प्रस्ताव करीब तीन सप्ताह पहले भेज दिया गया था. मगर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इस प्रस्ताव से इत्तेफाक नहीं रखते.
डिप्टी सीएम ने कहा कि अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार नंबर लगाने की आवश्यकता नहीं है. पहले से पंचायतों को यूनीक नंबर मिले हुए हैं, वही चलेंगे. मगर अफसरों का मानना है कि अंग्रेजी वर्णमाला का फार्मूला पारदर्शी है और कोई भी व्यक्ति पक्षपात का आरोप नहीं लगा सकता.
इन कारणों से नहीं हो सकते 23 फरवरी से पहले चुनाव
जब तक यह फैसला नहीं हो पाता कि पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला परिषदों को नंबर कैसे लगेंगे, तब तक आरक्षण नहीं हो सकता. यह काम करने के लिए निदेशालय को कम से कम 15 दिन लग सकते हैं. राज्य चुनाव आयोग ने हालांकि वार्डबंदी के अनुसार मतदाता सूचियों का प्रारूप तैयार कर रखा है मगर सरकार से फैसला होने के बाद और नई पंचायतों का गठन होने के बाद इसमें अभी समय लगेगा . यूं तो मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन करने में 35 दिन का समय लगता है मगर चुनाव आयोग इस समय को कम भी कर सकता है. चरखी दादरी जिले में जिला परिषद बननी है. पंचायत समितियों को भी इस जिले में अलग किया जाना है.
जब यह सारा काम हो जाएगा तो राज्य चुनाव आयोग को कम से कम 25 दिन का समय चुनाव कराने के लिए चाहिए. चूंकि प्रदेश में सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक बार में नहीं हो सकते और तीन चरणों में चुनाव कराए जाते हैं, जिनमें दो सप्ताह का समय अलग से लगता है. यानी राज्य चुनाव आयोग को 40 दिन का समय चाहिए.
चूंकि फैसला 21 जनवरी को होना है और 23 फरवरी को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा इसलिए हरियाणा में पंचायती राज चुनाव में देरी होना तय है.
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