चंडीगढ़ | हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने ‘ग्राम संरक्षक- संवाद कार्यक्रम’ के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्राम संरक्षकों से संवाद किया. इस दौरान उन्होंने जमीनी स्तर पर गांव में हो रहे विकास कार्यों का मौके पर जाकर आंकलन कर सरकार को फीडबैक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए. जिससे विकास कार्यों से जुड़े संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दी जा सके. उन्होंने कहा कि ग्राम संरक्षकों को गांव को परिवार समझकर सेवा भाव से काम करना चाहिए.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के विकास का रास्ता गांवों से होकर गुजरता है. ऐसे में ग्राम संरक्षकों को गांव में हो रहे विकास कार्यों जैसे पार्क एवं व्यायामशाला, पानी की व्यवस्था, श्मशान घाट की चारदीवारी, पक्की गलियां व रास्ते आदि कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट https://intrahry.gov.in पोर्टल पर अपलोड करनी चाहिए.
विकास कार्यों के लिए 1100 करोड़ का बजट
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि सर्वसम्मति से चुने गए 40 हजार प्रतिनिधियों को 300 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि हर साल बजट स्वयं निर्धारित कर सकेंगे. वहीं नीति के प्रोत्साहन हेतु 1,100 करोड़ रुपए की धनराशि हस्तांतरित की गई है. गांवों के विकास कार्यों के लिए धनराशि में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. गांवों का सर्वांगीण विकास हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी.
सरपंचों के विरोध पर कही ये बात
सरपंचों के विरोध के सवाल पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमने उनकी शक्ति बढ़ाई है, घटाई नहीं है. यह फरीदाबाद में भी स्पष्ट कर दिया गया था. पहले तो सरपंचों के पास बहुत कम काम होते थे. काम के लिए फाइल ऊपर तक जाती थी. प्रदेश सरकार और सेक्रेटरी के पास फाइल जाती थी. हमने तय किया कि जितना भी बजट पंचायत, नगर समिति और निगम का है वह काम वहां की लोकल बॉडी कराएगी.
इसके लिए वह योजना बनाएंगे और पोर्टल पर इसकी डिटेल डाली जाएगी. सारा काम तो लोकल बॉडी ही तय करेगी. इस तरह से पंचायत की शक्ति बढ़ी है, कम नहीं हुई. ऐसे में सरपंच विरोध करने की बजाय गांवों के विकास कार्यों पर फोकस करें.
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