चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार एक शानदार पहल करने जा रही है जिसके बाद ट्राईसिटी के तीनों शहरों (चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली) को इंटरनेशनल लेवल पर एक नई पहचान मिलेगी. हरियाणा सरकार के प्रयासों के तहत अब चंडीगढ़ के ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने की कवायद के अंतर्गत पॉड कार सिस्टम को शुरू करने की तैयारियां शुरू हो गई है.
इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए हरियाणा की कंपनी हरियाणा मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HMRTC) ने अगले तीन महीने में इसकी डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं. केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासन ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है और हरियाणा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए अपनी पूरी तैयारी शुरू कर दी है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से यात्रियों को समय की बचत के साथ इंटरनेशनल लेवल की सुविधा मिलेगी.
6 एकड़ भूमि की आवश्यकता
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि HMRTC ने पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने के लिए पॉड कार सिस्टम का प्रस्ताव दिया है जो लागत प्रभावी व सुविधाजनक है और जिसमें चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बाउंड्री के साथ केवल 6 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी. उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में इस विषय पर एक प्रस्तुति दी गई है. HMRTC द्वारा पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक प्रारंभिक अध्यन किया गया है जिसमें शामिल कुल भूमि लगभग 6 एकड़ ही है जो एयरफोर्स के पास ही रहेगी.
शुरुआत में 77 पॉडस को सेवा में रखने का फैसला
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि इस योजना के तहत शुरुआत में पैसेंजर्स के साथ- साथ माल परिवहन के लिए 77 पॉडस को सेवा में रखने का फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि इस परिवहन व्यवस्था के तहत पॉडस को बीच में जबरदस्ती नहीं रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस पॉड कार परिवहन व्यवस्था के समय सफर मात्र 10 मिनट में तय किया जा सकेगा. इसके अलावा मीटिंग में इस बात पर भी फैसला लिया गया है कि यूटी प्रशासन न्यू चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सड़क सम्पर्क प्रदान करने के अपने प्रस्ताव को जारी रख सकता है.
231 करोड़ रुपए होगा खर्च
बता दें कि न्यू चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी है जोकि हरियाणा और पंजाब सरकार के सहयोग से गठित की गई है. यह कंपनी ट्राईसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली) में अपनी सेवाएं देगी. मुख्य सचिव ने बताया कि 77 पॉड कार को संचालित करने में लगभग 231 करोड़ रुपए की लागत आएगी. उन्होंने बताया कि इस पॉड कार में 6 लोगों के बैठने की जगह होगी और साथ ही सामान भी रखा जा सकेगा.
समय व दूरी की होगी बचत
बता दें कि चंडीगढ़ से पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल की दूरी 8-12 किलोमीटर और नए एयरपोर्ट टर्मिनल की दूरी 15-18 किलोमीटर है. वही पंचकूला से पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल की दूरी 8-10 किलोमीटर और नए एयरपोर्ट टर्मिनल की दूरी 20-25 किलोमीटर है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल से वर्तमान कनेक्टिविटी ऐसी है कि हिमाचल प्रदेश और पंचकूला की ओर से नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचने के लिए काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है. इन पैसेंजर्स को एक ऐसे चोराहे को पार करना पड़ता है जहां कई बार 30 से 45 मिनट का समय बर्बाद हो जाता है जबकि पैसेंजर्स को पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचने में कम समय लगता है.
इसी समस्या के समाधान के लिए पीआरटी द्वारा पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने का प्रस्ताव है. घरेलू एयरपोर्ट टर्मिनल से नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचने में पैसेंजर्स को पीआरटी द्वारा 8-10 मिनट का समय लगेगा. पीआरटी एक सुरक्षित पारगमन होगा क्योंकि यह दो टर्मिनलों के बीच बिना रुके सफर करेगा.
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