चंडीगढ़ । 71152 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी हरियाणा की पौने तीन करोड़ की आबादी की सुरक्षा में जुटे हैं. यह पुलिसकर्मी सड़क दुर्घटनाओं की स्थितियों में घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाते हैं. अदालतों में पेशी पर भी जाते हैं और वीआईपी ड्यूटी भी देते हैं. इसके अतिरिक्त यातायात प्रबंधन भी इन्हीं के सहारे हैं और सार्वजनिक चौक चौराहों पर भी व्यवस्था को यही पुलिस कर्मचारी संभालते हैं. इस प्रकार 14765 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी एक पुलिसकर्मी के ऊपर होती है.
हरियाणा में पुलिसकर्मी जिस दर से रिटायर होते जा रहे हैं और उन पर कार्य का बोझ लगातार बढ़ रहा है, उस दर से पुलिस विभाग में भर्तियां नहीं हो पा रही है. वैसे तो 6 वर्ष पूर्व हरियाणा का पुलिस बल केवल 60,000 तक ही था. परंतु वर्तमान हरियाणा सरकार ने पुलिस विभाग में भर्तियां की और पुलिस बल की संख्या को 71 हजार से ज्यादा तक पहुंचा दिया. हर वर्ष पुलिस विभाग में 800 कर्मचारी व अधिकारी रिटायर हो जाते हैं , जबकि 200 पुलिसकर्मियों की अलग-अलग कारणों की वजह से मौत हो जाती है. परंतु पुलिस विभाग में भर्ती की रफ्तार बहुत ही धीरे है.
हरियाणा सरकार ने साढे सात हजार पुलिस कर्मचारियों की भर्ती करने का फैसला लिया है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के जरिए यह भर्तियां नए नियमों के आधार पर की जाएगी. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर काफी सजग है. 3 दिन पहले गृह मंत्री अनिल विज ने भी पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक में गृह सचिव और डीजीपी को भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करवाने के आदेश दिए थे. इसके लिए आयोग के साथ संपर्क बनाने के लिए अधिकारियों को कहा गया है.
पुलिस विभाग में महिला बल की संख्या को भी हरियाणा सरकार बढ़ाने जा रही है. अभी तक केवल 10% महिला पुलिस कर्मचारी ही कार्यरत हैं. हरियाणा सरकार इसे 15 फ़ीसदी तक ले जाने की योजना बना रही है. गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि पुलिस विभाग में भर्ती को जल्दी करवाने हेतु वह अधिकारियों से बात करेंगे.
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