हरियाणा 134ए फॉर्म को लेकर बड़ी अपडेट, जाने इस बार फॉर्म भरे जायेंगे या नही

चंडीगढ़ । सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया. नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी विद्यालय में निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने जो नियम बनाया था. इस बार सरकार ने इस नियम से यू टर्न लिया है अथार्त सरकार का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2021 -22 के लिए नियम 134ए सिर्फ और सिर्फ राज्यकीय मॉडल संस्कृति विद्यालयों के लिए ही होगा. यानि की इस साल ईडब्ल्यूएस व बीपीएल अभिवावक नियम 134ए का लाभ प्राइवेट स्कूलों में नहीं उठा पाएंगे . साथ ही अभिभावकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए महज 3 दिन का ही समय दिया जाएगा.

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सरकार ने नियम 134ए से लिया यू-टर्न 

अभिभावक नियम 134ए के तहत 10 अप्रैल तक ही आवेदन कर सकते हैं. सरकार के इस फैसले ने अभिभावकों को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है. अभिभावकों का कहना है कि जब निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा ही नहीं सकते,  तो फिर इस नियम का क्या फायदा. अभिभावकों द्वारा इस नियम में बदलाव की मांग की गई है. जिससे की बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाया जा सके. बता दें कि सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए व आर्थिक रूप से बेहतर शिक्षा देने के लिए 134ए को लागू किया गया था.

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ताकि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे भी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा ले सके. कोरोना की वजह से शैक्षणिक सत्र 2020- 21 पूरा साल प्रभावित रहा . इस साल नियम 134ए के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो पाई. वहीं प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने के प्रदेश में 136 राज्यकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा 1418 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए गए हैं. अब नए शैक्षणिक सत्र में इसके लिए प्रक्रिया शुरू तो की गई. लेकिन अभिभावकों को आवेदन करने के लिए महज 3 दिन का समय दिया गया. इसके साथ ही यह कहा गया कि नियम 134ए के तहत केवल मॉडल संस्कृति स्कूल में आवेदन किया जा सकता है .

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मॉडल स्कूलों में यह रहेगी सीटों की प्रक्रिया

राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा पहली से पांचवी के लिए अधिकतम 30, कक्षा छठी से आठवीं के लिए अधिकतम 35, कक्षा 9वी से 11वीं के लिए 40 विद्यार्थियों के लिए सीट उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही इनमें से 50% सीटे विद्यालय के उन हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए होगी जो अपनी अगली पढ़ाई अब अंग्रेजी माध्यम से करना चाहते हैं. बाकी 50% सीटें अन्य स्कूलों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए होगी. अगर विद्यालय मे मौजूद विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम को नहीं चुनते तो यह सीटे दूसरे विद्यालयों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी.

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