चंडीगढ़ | उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) में 2019 में लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) के रूप में चुने गए मगर संशोधित मेरिट में बाहर होने वाले उम्मीदवारों को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राहत देते हुए हरियाणा सरकार से ऐसे सभी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए कहा है.बता दें, बिजली निगम की तरफ से 964 LDC की भर्ती के लिए साल 2016 में विज्ञापन जारी किया गया था.
दिया यह आदेश
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बताया कि एक बार जब याचिकाकर्ताओं ने पर्याप्त लंबे वक़्त तक काम किया है, जो परिवीक्षा अवधि पूरी कर चुके है. साथ ही, इस तथ्य के साथ कि विज्ञापित सभी 964 पद भरे नहीं गए हैं, तो राज्य सरकार को उन खाली पदों के लिए संशोधित मेरिट सूची में उनकी योग्यता के मुताबिक याचिकाकर्ताओं के दावे पर विचार करने का निर्देश दिया जाता है ताकि उन्हें समायोजित किया जा सके. भले ही याचिकाकर्ता संशोधित मेरिट सूची में नीचे आ गए हों.
हाई कोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने सुजाता रानी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं. हालांकि, हाई कोर्ट ने साफ किया है कि इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं को केवल उन पदों पर नियुक्ति/ समायोजन के लिए विचार होगा जो कुल विज्ञापित पदों में से खाली हैं और संशोधित मेरिट सूची में उनकी योग्यता के मुताबिक है.
नियुक्त होने के लिए पूरा करते हो पात्रता मानदंड
ऐसे सभी उम्मीदवार संशोधित मेरिट सूची में नहीं थे, मगर वे अदालत से कुछ अंतरिम राहत की वजह से काम कर रहे थे. हाई कोर्ट के मुताबिक सिर्फ उन याचिकाकर्ताओं का समायोजन किया जाएगा जिनकी नियुक्ति होनी शेष है या जो पहले से ही प्रारंभिक मेरिट सूची के अनुसार काम कर रहे हैं. लेकिन, इसक़े लिए शर्त होगी कि वे एलडीसी के 964 पदों पर नियुक्त होने के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों.
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