हरियाणा में अभी नहीं थमेगा बारिश का दौर, 11 अक्टूबर तक इन जिलों में होगी बारिश

चंडीगढ़ | बारिश की गतिविधियां हरियाणा में फिर से आरंभ हो चुकी है जिस कारण कई जिलों में बारिश देखी जा रही है. बेमौसमी बारिश होने की वजह से किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है. दूसरी तरफ स्वास्थ्य को भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए अब पूर्वानुमान जारी किया है. हालांकि, पूर्वानुमान में अभी कुछ दिनों तक बारिश की संभावना बताई गई है.

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मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव के क्षेत्र बनने तथा पंजाब के ऊपर एक साईक्लोनिक सरकुलेशन बनने से नमी वाली हवाओं से राज्य में 6 अक्टूबर रात्रि से मौसम में बदलाव हुआ है. बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाओं के आंशिक प्रभाव से राज्य में पिछले दो तीन दिनों से ज्यादातर स्थानों पर बादल छाए रहें तथा कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हुई है.

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इसी वेदर सिस्टम के कारण राज्य में अगले तीन दिनों में 11 अक्टूबर तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है. इस दौरान राज्य में मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील तथा बीच-बीच में बादल छाए रहना तथा उत्तरी जिलों पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल तथा दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र के जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद में बादलवाई व कहीं-कहीं गरज चमक के साथ हल्की बारिश होगी.

इसके साथ ही उत्तरपश्चिमी जिलों भिवानी, चरखीदादरी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा में आंशिक बादलवाई व कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना है. इस दौरान दिन के तापमान में गिरावट रहने की संभावना है. 11 अक्टूबर के बाद ही राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम आमतौर पर साफ हो जाने की संभावना है.

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बरसात ने फसल को किया बर्बाद

जुलाई में हुई बारिश ने पहले ही किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि, उस वक्त जैसे तैसे स्थिति संभल गई थी. उसके बाद अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले बरसात हुई थी तभी किसानों की बची हुई उम्मीदें टूट गई थी क्योंकि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था. वहीं, अब तीसरे दौर की बरसात ने पूरी तरह से फसलों को नष्ट कर दिया है. किसान अब केवल विशेष गिरदावरी पर निर्भर हैं.

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हालांकि, अभी कुछ समय पहले किसानों को उम्मीदें जगी थी कि जलभराव से अगर मुक्ति मिल जाती है तो फसलों को होने वाला नुकसान कुछ कम हो सकता है. मगर खेतों में कई फुट जमा पानी को निकालने में प्रशासन के पसीने छूट गए. अब किसानों ने अगले सीजन की फसल को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. कृषि विभाग का कहना है कि जो बाजरा कटा हुआ है वह भी काफी हद तक प्रभावित हो सकता है. दूसरी तरफ बेमौसमी बारिश होने की वजह से धान की फसल तैयार होने में भी काफी समय लगेगा यानि की फसल लेट पककर तैयार होगी.

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