चंडीगढ़ | राजधानी दिल्ली के बिल्कुल नजदीक होने के चलते किसी समय इन्वेस्टर्स की पहली पसंद रहा हरियाणा प्रदेश आज इस मामले में नई परिस्थितियों का सामना कर रहा है. हिंदुस्तान के मानचित्र पर औद्योगिक प्रगति के सूचकांक में सबसे आगे चलने वाला हरियाणा खासतौर से स्किल के आधार पर चलने वाले मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर्स जैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर आदि के लिए उपयुक्त जगह रहा है लेकिन अब एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जो हरियाणा के इस रूतबे को कम करके दिखाने वाला साबित हो रहा है.
क्या कहता है आंकड़ा
The Hindu में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के औद्योगिक आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2022- 23 में देश के नए निवेश प्रोजेक्ट्स में से हरियाणा का योगदान घटकर 1.06 फीसदी पर आ गया जो पिछले छह साल में सबसे निचला स्तर है क्योंकि एक साल पहले यह करीब 3 फीसदी था. हिंदुस्तान के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में घटता हरियाणा का योगदान चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि ये राज्य पिछले कुछ सालों से इस दिशा में तेज विकास दर हासिल कर रहा था.
जानें और गहराई से
हरियाणा के इंडस्ट्रियल योगदान को देखें तो इसके साल 2022- 23 में इंवेस्टमेंट आउटपुट में 30 फीसदी का लेवल आ गया है और ये घटकर 39 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. साल 2021- 22 में ये आंकड़ा 56 हजार करोड़ का था, ऐसे में यहां भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके चलते ही ये साल 2022- 23 में 9वें स्थान से फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है. वहीं, अगर मैन्यूफैक्चरिंग निवेश की बात करें तो ये 60 फीसदी गिरकर केवल 9500 करोड़ रुपये तक सिमट गया है.
निवेश में गिरावट की बड़ी वजह
हरियाणा में नए निवेश में गिरावट के पीछे एक बहुत बड़ी वजह है. दरअसल, साल 2022 में हरियाणा की मौजूदा BJP-JJP गठबंधन सरकार एक नया नियम लेकर आई थी कि हरियाणा के उद्योगों में 75% नौकरियां प्रदेश के लोगों को दी जाएगी. इसमें वो नौकरियां रखी गई थी जिनकी मासिक तनख्वाह 30 हजार रुपए तक होती है. हालांकि, इस कानून को कोर्ट में चुनौती दी गई है लेकिन इसको लागू करने की चिंताओं से जुड़े मसले निवेशकों को निवेश करने के फैसले पर सोचने को मजबूर कर रहे हैं.
किन-किन कंपनियों पर पड़ रहा है असर
सबसे पुराने और दिग्गज निवेशकों में से एक मारूति सुजुकी हरियाणा में सबसे बड़ी निवेशक कंपनी का दबदबा रखती है. सबसे बड़े निवेश के रूप में इस कंपनी ने साल 2022- 23 में 18,000 करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा की थी. हालांकि, मारूति ने अब 24,000 करोड़ रुपए कहीं और निवेश करने की बात कही है.
इसे इस उदाहरण से समझ सकते हैं कि साल 2021- 22 में मैन्यूफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल पार्क, रोड़वेज और रियल्टी प्रोजेक्ट्स का हरियाणा के नए निवेश प्रोजेक्ट्स में प्रमुख हिस्सा था जबकि साल 2022- 23 में जो प्रोजेक्ट्स आए हैं, वो मुख्य तौर पर रियल्टी सेक्टर से जुड़े हुए हैं.
हरियाणा में बढ़ी रियल्टी प्रोजेक्ट्स की आमद
The Hindu में छपी रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के 10 में से 6 प्रोजेक्ट्स केवल रियल्टी प्रोजेक्ट्स थे और ये आंकड़ा पिछले साल यानि वित्त वर्ष 2022-23 का है. इसके अलावा, एक और अहम आंकड़ा है कि हरियाणा के हिस्से जितने नए प्रोजेक्ट्स आए जिनकी कीमत 39,117.31 करोड़ रुपये है. उनमें से 46 फीसदी प्रोजेक्ट्स केवल रियल्टी से हैं जिनकी कीमत 17,986 करोड़ रुपये है. इससे स्पष्ट है कि हरियाणा में अब कम स्किल्ड प्रवासी मजदूरों को ज्यादा काम पर रखा जा रहा है और ये हरियाणा के नए निवेश प्रोजेक्ट की बदलती तस्वीर को दर्शा रहा है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!