रोड़वेज विभाग लेकर आ रहा है जबरदस्त योजना, सीधे 50 करोड़ की होगी बचत

चंडीगढ़ । पिछले कई सालों से करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहे हरियाणा रोड़वेज विभाग के अब दिन फिरने वाले हैं. आईपीएस प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने इसके लिए कमर कस ली है और कहा है कि अगर सबकुछ प्लानिंग के मुताबिक रहा तो जल्द ही हरियाणा के बस अड्डे भी आईपीएस जैसी फिलिंग देते नजर आएंगे. बता दें कि फिलहाल हरियाणा रोड़वेज विभाग पर यह कहावत एकदम फिट बैठ रही है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि रोड़वेज की कमाई तो एक हजार रुपए है जबकि नुकसान 1900 करोड़ रुपए का हैं, लेकिन अब इस सिस्टम को बदलने की तैयारी है.

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Haryana Roadways

बदलेगा टिकट काटने का तरीका

अभी तक बसों में परिचालक मैनुअल तौर पर टिकट काट रहे हैं लेकिन अब परिचालकों को ई-टिकटिंग मशीनें दी जाएगी, जिससे टिकटों की हेरा-फेरी पर अंकुश लगेगा. रोड़वेज प्रबंधन का दावा है कि इस सिस्टम के शुरू होने से करीबन 50 करोड़ रुपए की राजस्व चोरी रुक जाएगी. इन पैसों का इस्तेमाल रोड़वेज के डेवलपमेंट में ही खर्च हो सकेगा.

आउटलेट के लिए लीज पर दी जाएगी जमीन

बस अड्डा परिसर में कई एकड़ जमीन खाली पड़ी रहती है जिसपर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं. अब योजना के तहत इन जमीनों को आउटलेट खोलने व अन्य सुविधाओं के लिए लीज पर दिया जाएगा. विर्क ने दावा करते हुए कहा है कि अगर सभी योजनाएं सही तरीके से लागू होती है तो 6 महीने के भीतर हरियाणा रोड़वेज की सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी.

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मुफ्त यात्रा करना भी नहीं होगा आसान

गौरतलब है कि अभी 42 कैटेगरी के यात्री रोड़वेज बसों में मुफ्त सफर तय करते हैं. विर्क ने कहा कि सीएम मनोहर लाल और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ मीटिंग में यह बात कही गई है कि जो लोग मुफ्त में सफर करते हैं उनका विभाग रोड़वेज को पैसों का भुगतान करें.

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मुफ्त यात्रा का ब्यौरा

बता दें कि अभी तक मुफ्त सफर करने वालों का मैनुअल रिकॉर्ड रखा जाता था लेकिन एनएमसी लागू होने के बाद पूरा रिकॉर्ड मशीन में रखा जाएगा. इससे सटीक जानकारी उपलब्ध होगी कि संबंधित विभाग का व्यक्ति कितनी बार मुफ्त सफर का आनंद उठा चुका है. अगर उसकी मुफ्त सफर की लिमिट पूरी हो चुकी है तो उससे टिकट के पैसे वसूल किए जाएंगे. फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि रोड़वेज विभाग की ये योजना धरातल पर उतरती है या सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह जाएगी.

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