चंडीगढ़ | हरियाणा में अप्रैल के महीने में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग गई थी, जिस कारण कलेक्टर रेट रिवाइज नहीं हो पाए थे. आचार संहिता हटने के साथ ही यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सैनी के पास भेजा गया. लेकिन उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया. साथ ही, सभी जिलों में पुराने रेट पर जमीनों की रजिस्ट्री करने के निर्देश जारी कर दिए.
इन जिलों के रेट बढ़ाने का भेजा गया था प्रस्ताव
बता दें कि स्थानीय प्रशासन की तरफ से प्रदेश के रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत जिलों में 20% तक कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था.
गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कलेक्टर रेट बढ़ाने से पहले जिलों में मार्केट वैल्यू पता करने के निर्देश दिए थे. ऐसा इसलिए क्योंकि कई जिलों की जमीनों की मार्केट वैल्यू ज्यादा है और कलेक्टर रेट काफी कम. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा था. अब सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री सैनी ने इस फैसले को लागू न करने संबंधित निर्देश जारी कर दिए हैं.
इसलिए कलेक्टर रेट अहम
जमीनों के क्रय- विक्रय को लेकर कलेक्टर रेट काफी जरूरी होता है. यह हर एक जगह पर वहां की मार्केट वैल्यू के हिसाब से निर्धारित होता है. वैल्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट जारी करती है, जिसके बाद ही रेट बढ़ाए जाने का फैसला लिया जाता है.
एक बार राजस्व विभाग तथा राज्य सरकार द्वारा अंतिम फैसला ले लिया जाए, उसके बाद उससे कम रेट में जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती. जब तक कलेक्टर रेट निर्धारित नहीं थे तब तक इसमें बड़ा गोलमाल होता था, लेकिन अब इसमें काफी हद तक रोक लग गई है.
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