चंडीगढ़ | ई टेंडरिंग प्रणाली को लेकर प्रदेश भर से सरपंचों का विरोध झेल रही हरियाणा सरकार की फिर से मुश्किलें बढ़ने वाली है. सरपंचों ने किसान आंदोलन की तर्ज पर चलने का फैसला लेते हुए मौजूदा BJP- JJP गठबंधन सरकार के नेताओं के बहिष्कार करने का फैसला लिया है. इसके लिए सरपंच एसोसिएशन ने पूरे हरियाणा के गांवों की सीमा पर इन नेताओं के बहिष्कार के बोर्ड लगाने की बात कही है.
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी शनिवार को झज्जर पहुंचे थे जहां उन्होंने जिले की सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों के साथ एक बैठक बुलाई थी. यहां उन्होंने ब्लॉक प्रधानों के साथ 10 अप्रैल को दिल्ली के जंतर- मंतर पर धरना- प्रदर्शन की रणनीति तैयार करने की रणनीति तैयार की है.
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि सरकार के खिलाफ कड़े फैसले लेने का समय आ गया है. गत दिनों इसराना में हुई बैठक में ही फैसला लिया गया था कि प्रदेश के हर गांव में सत्ताधारी नेताओं के विरोध में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे.
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इसके अलावा, हरियाणा के सीएम, मंत्री, सांसद और सत्ताधारी दलों के विधायकों के हर कार्यक्रम में पहुंच कर विरोध किए जाने का भी फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार हरियाणा में पंचायती राज एक्ट को पूर्ण रूप से लागू नहीं करती है. प्रदेश सरकार पंचायती राज एक्ट को पूरी तरह से खत्म करने की साज़िश रच रही है लेकिन हम सरकार के मंसूबों को कामयाब नही होने देंगे.
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