हरियाणा में सरपंच फिर कर रहे आंदोलन की तैयारी, सरकार के इस नए फैसले से बढ़ा विरोध

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदों को अलग- अलग विकास कार्यों का आवंटन किया है. सरपंचों के अधिकारों पर शिकंजा कसते हुए ग्राम पंचायतें अब केवल 19 कार्य कराने तक सीमित हो गई हैं. इसके साथ ही, पंचायत समिति को 7 तथा जिला परिषद को 13 विकास कार्य करवाने के लिए अधिकृत किया गया है. इस संबंध में विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक ने पत्र जारी किया है.

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फैसले के मुताबिक, अब ग्राम पंचायतें अपने पास उपलब्ध धनराशि से मन मुताबिक विकास कार्य नहीं करा सकेंगी. चिन्हित 19 विकास कार्यों में से ही काम हो सका है. खास बात यह है कि इन 19 कामों में ज्यादातर काम मरम्मत और रखरखाव के हैं. पहले ग्राम पंचायतें अपनी आवश्यकता के अनुसार सभी प्रकार के विकास कार्य करा सकती थीं.

विकास कार्यों में विधायक और सरकार का भी रहेगा हस्तक्षेप

एक दिन पहले ही राज्य सरकार की कैबिनेट ने पंचायत राज अधिनियम 1995 में संशोधन किया है. इसके तहत, अब विधायकों का भी पंचायतों में दखल होगा. विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली सहायता राशि से शासन की अनुशंसा के अनुरूप कार्य करना होगा. इसमें भी पंचायत अपनी मर्जी से नहीं चल पायेगी. इसके अलावा, सरकार ने गांव के आम आदमी को सिफारिश करने का अधिकार भी दिया है.

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इसके लिए वह सरकार को विकास कार्यों की अनुशंसा कर सकेंगे. यदि सरकार को लगता है कि प्रस्तावित विकास कार्य जनहित का है तो सरकार पंचायत को अनुशंसा भेजेगी और वह कार्य पंचायत को करना होगा.

सरपंच संघ फिर करेगा आंदोलन

हरियाणा सरकार द्वारा पंचायतों को लेकर लिए जा रहे नए- नए फैसलों से एक बार फिर सरपंच उखड़ गए हैं. सरपंच एसोसिएशन ने एक बार फिर बड़े आंदोलन के लिए 9 जुलाई को पानीपत के समालखा में राज्य स्तरीय बैठक बुलाई है. बैठक में सभी ब्लॉक व जिला अध्यक्षों के साथ- साथ सरपंच संघ की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी भाग लेंगे. बैठक में ई- टेंडरिंग समेत पंचायतों से जुड़े सरकार के सभी फैसलों की समीक्षा की जाएगी और विधायकों को पंचायत फंड से विकास कार्य कराने का अधिकार देने के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी.

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पंचायतें सिर्फ 19 काम ही कर सकेंगी

गली, नाली, गाय घाट व स्वागत द्वार का निर्माण, नाली, ग्राम सचिवालय, चौपाल की मरम्मत, श्मशान घाट का रखरखाव, जलापूर्ति के लिए ट्यूबवेल का रखरखाव, तालाबों की खुदाई व रखरखाव, कूड़ा- कचरा उठाना, नाली की सफाई, सरकारी रखरखाव संपत्ति का रखरखाव, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, सड़क की सफाई, स्ट्रीट लाइट का रखरखाव, कंडम इमारतों को गिराना, फिरनियों की मरम्मत और पंचायत संपत्तियों का रखरखाव.

यह कार्य पंचायत समिति कर सकेगी

व्यायामशालाओं, पार्कों एवं व्यायामशालाओं का रखरखाव, बायोगैस संयंत्र का संचालन, जल उपचार संयंत्र का प्रबंधन, पार्क रखरखाव एवं वृक्षारोपण, तरल अपशिष्ट परियोजना का रखरखाव, सड़क निर्माण और फर्नीचर खरीद.

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जिला परिषद के कार्य

पीएचसी एवं उप स्वास्थ्य केंद्र की मरम्मत, आंगनवाड़ी का निर्माण एवं रख- रखाव, हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड से स्थानांतरण, 5 करम रोड की मरम्मत, ग्राम पंचायत में स्ट्रीट लाइट की स्थापना, ई- लाइब्रेरी की स्थापना, महिला संस्कृति केंद्र, इनडोर जिम, चौपाल का निर्माण, 2.5 एकड़ तक के तालाब का विकास, गांवों में बस क्यू सेल्टर निर्माण व देखरेख, खेल स्टेडियम, नाली, ड्रेन निर्माण एवं नाली कवरिंग का कार्य.

यह पंचायतों को खत्म करने की साजिश है. एक- एक कर पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं. पंचायतों में विधायकों के सीधे हस्तक्षेप से राजनीति और गुटबाजी बढ़ेगी. इससे गांवों का भाईचारा खराब होने की आशंका है. सरकार को तुरंत प्रभाव से यह फैसला वापस लेना चाहिए. 9 जुलाई को राज्य स्तरीय बैठक में आगामी रणनीति को लेकर मंथन किया जाएगा- रणबीर सिंह समैण, प्रदेशाध्यक्ष, सरपंच एसोसिएशन

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