चंडीगढ़ | पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली की सरपंचों के साथ आज मीटिंग थी. सरपंचों की पंचायत मंत्री के साथ बैठक विफल रही है. सरपंचों ने कल दोपहर 12 बजे तक क अल्टीमेटम दिया है. साथ ही कहा है कि समाधान न निकला तो सीएम आवास घेराव की चेतावनी है. 1 मार्च को मुख्यमंत्री आवास घेराव करने को कहा है.
कुछ दिनों पहले सरपंचों ने बनाई ये रणनीति
गौरतलब है कि कुछ दिनों पंचायती राज संस्थाओं में ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के फैसले को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए सरपंचों ने नई रणनीति बनाई है. अगर सरकार एक मार्च से पहले मांग नहीं मानती है तो एक मार्च को राज्य भर के सरपंच चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.
उसी दिन से हम किसान आंदोलन की तर्ज पर मांगे नहीं माने जाने तक चंडीगढ़ या पंचकूला में ठोस मोर्चा बनाकर धरना- प्रदर्शन शुरू करेंगे. हरियाणा सरपंच संघ की प्रदेश कमेटी की बैठक बुधवार को कुरुक्षेत्र स्थित जाट धर्मशाला में प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समन की अध्यक्षता में हुई थी.
25 सदस्यीय समिति ने बैठक में लिया है ये निर्णय
मांगें माने जाने तक भाजपा- जजपा के किसी भी प्रतिनिधि को गांव में प्रवेश नहीं करने देने की भी घोषणा की है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर ने कहा कि अगर सरकार एक मार्च से पहले मांगें नहीं मानती है तो राज्य भर के सरपंच चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर सरकार की मनमानी और तुगलक फरमान के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों पर ध्यान नहीं दे रही है. ई- टेंडरिंग, परिवार पहचान पत्र की अनिवार्यता और राइट टू रिकॉल नियम पर आपत्ति जताई.
ये है मांगे
एसोसिएशन ने मांग की कि संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची में ग्राम पंचायतों को जो 29 अधिकार दिए गए हैं, मनरेगा में ऑनलाइन उपस्थिति का नियम भी एक समस्या बन गया है, कई जगहों पर नेटवर्क नहीं आता है. एसोसिएशन ने सरपंचों के लिए 30,000 रुपये, पंचों के लिए 5,000 रुपये और मनरेगा के लिए 600 रुपये प्रति दिन की मांग भी उठाई.
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