चंडीगढ़ | शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को गुरुद्वारों का प्रबंधन अपने हाथ में नहीं लेने की चेतावनी दी है. एसजीपीसी के प्रधान अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि हरियाणा में गुरुद्वारों के प्रबंधन को संभालने के लिए कोई व्यवसाय नीति या किसी भी प्रकार की जबरदस्ती है तो इसके लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी.
वहीं, हरजिंदर धामी ने कहा कि पिछले दिनों एचएसजीपीसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के लिए कानूनी विशेषज्ञों से बातचीत की जा रही है. फैसले का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोई कानूनी समस्या नहीं रह गई है. SGPC सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने जा रही है. सरकारी जोर देकर गुरुद्वारा साहिबों के प्रबंधन को अपने कब्जे में लेने की नीति अपनाना ठीक नहीं है. पता चला है कि हरियाणा की भाजपा सरकार इसी नीति पर चल रही है.
एसजीपीसी ने की सीएम खट्टर से मिलने की कोशिश
प्रधान अधिवक्ता धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने की कोशिश की थी लेकिन, उन्होंने मिलना जरूरी नहीं समझा. इससे पता चलता है कि देश में सिख संस्थाओं के खिलाफ किसी न किसी तरह की साजिश रची जा रही है.
सिख मामलों से दूर रहे सरकारें
साथ ही प्रधान धामी ने कहा कि सिख शक्ति को तोड़ने, बांटने और कमजोर करने के लिए ऐसी ताकतों के प्रयासों को कौम सफल नहीं होने देगी. सरकारों को सिख मुद्दों से दूर रहना चाहिए. हरियाणा सरकार गुरुद्वारा साहिबों पर कब्जा करने की नीति नहीं अपनाए.
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