चंडीगढ़ | साल 2019 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से क्लर्क के 4,798 पदों पर भर्तियां की गई थी. बाद में इस भर्ती पर कई केस हो गए थे. बता दे हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल 2022 को कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4,858 क्लर्क की भर्ती का परिणाम खारिज कर दिया था तथा हाई कोर्ट ने फिर से परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे. अब आयोग द्वारा जारी संशोधित रिजल्ट आने के बाद कुछ उम्मीदवार मेरिट लिस्ट से बाहर हो गये है.
हाई कोर्ट ने लगाई सरकार के फैसले पर रोक
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से वर्ष 2019 में विज्ञापित क्लर्क के 4,798 पदों की भर्ती का संशोधित रिजल्ट जारी करने के बाद सरकार ने 1,178 क्लर्कों को हटाने के आर्डर दिए थे. इन क्लर्को ने सरकार के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी और हाई कोर्ट ने पिछले साल याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया था. शनिवार को इस मामले पर सुनवाई हुई और हाई कोर्ट ने 1,178 क्लर्कों में से अधिकतर की याचिका को खारिज कर दिया है.
याची की दलील: हटाने के लिए नहीं अपनाया जा रहा सही तरीका
हाईकोर्ट के इस निर्णय से अधिकतर क्लर्कों को हटाने का रास्ता साफ हो चुका है. हालांकि, अभी हाई कोर्ट का विस्तृत आदेश नहीं आया है. राज्यपाल व अन्य द्वारा दायर की गई याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि उन्हें डेढ़ साल नौकरी के बाद नौकरी से निकाला जा रहा है. याची पक्ष की ओर से दलील दी गई कि वो राज्य के विभिन्न विभागों में काम कर रहे है. पिछले वर्ष अप्रैल महीने में कर्मचारी चयन आयोग ने संशोधित परिणाम जारी कर इन्हें हटाने के नोटिस जारी कर दिए. याचिका में दलील दी गई कि उन्हें सही तरीके से नहीं हटाया जा रहा.
नहीं माना जा रहा याची का पक्ष
एक याची ने बताया कि सर्विस नियमों के तहत उनको अपना पक्ष रखने का अधिकार है लेकिन उनमें से कई को तो एक दिन का नोटिस जारी कर ही सेवा मुक्त का आदेश जारी किया गया है. परन्तु, सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हटाने के सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा कर नियमों के तहत प्रभावित कर्मचारी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने का आदेश जारी किया था.
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