चंडीगढ़ | हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा अन्य परीक्षाओं के आयोजन का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए बुरी खबर है. परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं उम्मीदवारों को अभी और 1 महीने प्रतीक्षा करनी होगी. पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 अक्टूबर की दी है. चीफ जस्टिस रवि शंकर झा, जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ का अंतरिम आदेश 2 सितंबर को अपलोड हुआ है.
3 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
इस अंतरिम आदेश में लिखा है कि ऑफिस रिपोर्ट इंगित करती है कि प्रतिवादीगणों को प्रोसेसिंग फीस की आवश्यकता होने के कारण जारी नहीं हो सके. अतिरिक्त महाधिवक्ता हरियाणा ने प्रार्थना की है कि इस बारे में हल करने के लिए एक हफ्ते का वक़्त चाहिए. अनुपालना होने पर 03 अक्टूबर 2023 के लिए नोटिस जारी किए जाएं. लगभग 4 हफ्ते बीत जाने के बावजूद एचएसएससी की तरफ से प्रोसेसिंग फीस जमा नहीं कराई गई. यदि फीस जमा हो जाती तो प्रतिवादीगण को नोटिस जारी हो जाते और 1 सितंबर 2023 को सुनवाई हो जाती.
चूंकि 1 सितंबर की सुनवाई के अंतरिम आदेश में मात्र प्रोसेसिंग फीस जमा न होने का कारण नोटिस जारी नहीं होना लिखा गया है इसलिए एचएसएससी की उस दलील में कोई दम नहीं रहता कि अपीलें दायर करने के लिए वक़्त चाहिए था.
ग्रुप सी की भर्ती का मामला बीच अधर लटका
अंतरिम आदेश में यह कहीं लिखा गया कि अपीलकर्ताओं ने और अपीलें दायर करने के लिए वक़्त की मांग की है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप सी के लगभग 32,000 पदों की भर्ती का मामला उलझता जा रहा है. ग्रुप सी के सीईटी स्कोर में एनटीए ने जो पेपर लिए उसके अंक और हरियाणा सरकार की तरफ से सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक शामिल हैं. सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक या तो परिवार पहचान पत्र के आधार पर मिले हैं या उम्मीदवारों की तरफ से सर्टिफिकेट अपलोड करने के आधार पर मिल रहे हैं. सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों पर ही सबसे ज्यादा शिकायतें हैं.
2.59 लाख उम्मीदवारों ने किया सामाजिक आर्थिक मानदंड के अंकों का दावा
सरकारी नौकरी परिवार में न होने के अंक मिलते हैं तो विधवा होने, उम्मीदवार के अनाथ होने, पिता की समय से पहले मृत्यु होने और सरकारी विभागों, बोडों, निगमों में की गई अस्थायी नौकरी के अनुभव के अंक मिलते हैं. कुल 3.59 लाख उम्मीदवार सीईटी में क्वालीफाई हुए हैं. इनमें से लगभग एक लाख ने सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक लेने का दावा नहीं किया है. बचे 2.59 लाख उम्मीदवारों के सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों का दावा सही या गलत है, इसका पता लगाने के लिए वेरीफिकेशन हो सकती थी.
आयोग के पास एक महीने का वक्त
सिंगल बेंच की खंडपीठ ने यही निर्देश दिए हैं कि पहले वेरीफिकेशन हो. उसके बाद, सीईटी स्कोर की संशोधित सूची जारी की जाए मगर एचएसएससी यह वेरीफिकेशन नहीं करना चाहता है. अब आयोग के पास एक महीना बचा है. यदि आयोग चाहे तो यह वेरीफिकेशन कर सकता है ताकि अगली सुनवाई तक वेरीफिकेशन के बाद यदि सीईटी स्कोर में बदलाव होता है तो उसका रिजस्ट भी तैयार हो. जब तक अदालत से स्वीकृति नहीं मिलती तब तक किसी भी ग्रुप का पेपर नहीं होगा.
इन 2.59 लाख उम्मीदवारों में से लगभग 40,000 उम्मीदवारों का डाटा वेरीफाई होने के बाद ठीक हो चुका है. इस तरह लगभग 2.19 लाख उम्मीदवार शेष है. यदि डाटा वेरीफाई हो जाए तो मुकदमेबाजी भी रुक जाएगी और भर्ती प्रक्रिया में भी तेज़ी आएगी.
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