चंडीगढ़ । हरियाणा में कोरोना का कहर कम होने लगा है, इसकी वजह से मनोहर लाल सरकार ने इस सप्ताह कई तरह की छूट देकर लॉकडाउन को 7 जून तक बढ़ाया है. लॉकडाउन के वजह से बाजार बंद रहने से छोटे दुकानदारों के साथ-साथ मझले उद्योग भी काफी प्रभावित हुए हैं.
मनोहर लाल सरकार द्वारा राज्य में व्यापारी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया है . व्यापारी और छोटे उद्योगों के उद्यमी बोर्ड के माध्यम से वे लॉकडाउन के दौरान के कुछ खर्चों में राहत मांग रहे हैं. व्यापारियों की मांग है कि उनसे बंद संस्थानों के बिजली बिल केवल बिजली खपत के ही लिए जाए. वही बोर्ड के चेयरमैन रामनिवास गर्ग इन दिनों पंचकूला में है. और वे इससे संबंधित मुख्यमंत्री से भी मिलने वाले हैं.
लॉकडाउन से प्रभावित हुए व्यापारियों की मुख्य मांगे
- अप्रैल व मई में लॉकडाउन अवधि के दौरान व्यापारिक संस्थानों के बिजली के बिल माफ किए जाएं.
- उद्योगों में कमर्शियल बिजली मीटर पर फिक्स दर की बजाय असल में हुई बिजली खपत का ही बिल लिया जाए.
- जीएसटी पंजीकृत, मंडी शुल्क देने वाले, रेहड़ी-ठेली में पंजीकृत सभी व्यापारियों-दुकानदारों को मुफ्त मेडिकल बीमा दिया जाए.
- व्यापारियों सभी विभागों में रिटर्न दाखिल करने के लिए समयावधि बढ़ाई जाए.
- लॉकडाउन की अवधि के दौरान बैंक ऋण पर ब्याज माफ किया जाए.
मीटिंग में व्यापारियों ने रखी अपनी मांगे
वहीं राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से छोटे व मझोले उद्योगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. हाल ही में हमारे संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अमित गुप्ता की अध्यक्षता में एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी. इसमें व्यापारियों ने अपनी मांगे रखी.
इनमें से कुछ मांग केंद्र व कुछ राज्य सरकारों से पूरी होनी है. वही हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रामनिवास गर्ग का कहना है कि वैसे तो लॉकडाउन से सभी वर्ग ही प्रभावित हुए हैं. खुद सरकार का भी राजस्व काफी प्रभावित हुआ है. हमने व्यापारियों की मांग से संबंधित एक राहत पैकेज का मसोदा तैयार किया है. हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अपने स्तर पर जो राहत व्यापारियों को दे सकती है उन्हें अवश्य दें.
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