चंडीगढ़ | बिजली विभाग को डिजिटाइजेशन करने की दिशा में तेजी से काम आगे बढ़ रहा है. बिजली निगम द्वारा प्रथम चरण में प्रदेश के पांच जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, अंबाला और करनाल में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इन सभी जिलों में डिजिटल मीटर बदलने की कार्रवाई निरंतर जारी है.
राजधानी चंडीगढ़ से सटे अंबाला जिले में तो डिजिटल मीटर लगाने का काम 90% पूरा हो चुका है. बिजली निगम के अधिकारी ने बताया कि शेष बचा कार्य भी 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन जिलों के बाद ही प्रदेश के दूसरे जिलों में डिजिटल मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी.
डिजिटल मीटर के ये होंगे फायदे
• स्मार्ट मीटर लगने के बाद गलत रीडिंग को लेकर उपभोक्ताओं को होने वाली समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. स्मार्ट मीटर लगने के बाद निगम का कोई कर्मचारी रीडिंग लेने नहीं आएगा.
• मीटर नेट से ही निगम के सर्वर से जुड़ा होने के कारण बैठे- बैठे ही रीडिंग निकाली जा सकेगी. उपभोक्ता भी अपने मोबाइल फोन में हर रोज खर्च होने वाली बिजली की जानकारी लें पाएंगे.
• इस मीटर को बंद व चालू करने की प्रक्रिया उपभोक्ता स्वयं कर सकेंगे. मीटर का कंट्रोल निगम के कार्यालय में रहेगा. इससे मीटर की रीडिंग व गलत बिजली बिल संबंधी समस्याओं से हमेशा के लिए छूटकारा मिल सकेगा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत पहुंचेगी.
90% काम पूरा
बिजली निगम के एक्सईएन सुखबीर सिंह ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम 90% पूरा हो चुका है. अगले तीन हफ्तों में सभी पुराने मीटर बदलकर डिजिटल मीटर लगा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी पर तो अंकुश लगेगा ही, साथ ही रीडिंग का झंझट भी खत्म हो जाएगा. अभी यह योजना पांच जिलों में चल रही है, जल्द ही अन्य जिलों में भी यह योजना शुरू की जाएगी.
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