चंडीगढ़ | हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट लोगों के जीवन में नया उजाला ला रही है. यह ‘सेवा परमो धर्म’ की भावना को चरितार्थ करते हुए उन लोगों के लिए मसीहा बनी हुई है, जो किसी न किसी कारण अपने किसी करीबी को खो बैठे हैं. हाल ही में यूनिट द्वारा 22 साल बाद लापता युवक को उसके परिवार से मिलवाया गया. 7 साल की छोटी उम्र में अमित (Amit) अपने परिवार से अलग हो गया था और अब 22 साल बाद 29 वर्ष की उम्र में वह अपने परिवार से मिला.
ASI ने अमित को परिवार से मिलवाया
पिछले काफी सालों से वह अपने परिवार से मिलने के लिए संघर्ष कर रहा था. आखिरकार उसने राज्य अपराध आशा की अपराध शाखा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला में काम कर रहे एएसआई राजेश कुमार से संपर्क किया और अपने परिवार से मिलने में कामयाब हो पाया. इस उपलब्धि के लिए पुलिस महानिदेशक ने ASI राजेश कुमार को बधाई दी.
अमित ने बताया कि वह पिछले 22 साल से अपने परिवार की खोज में भटक रहा है. वह एक महीने नौकरी करता और एक महीने अपने परिवार को खोजने में बिताता था. साल 2003 में उसे चिल्ड्रन होम अलीपुर दिल्ली में लाया गया. साल 2019 में अमित को चिल्ड्रन होम में केयरटेकर का काम मिला.
अमित को याद थे केवल 2 शब्द
अमित ने बताया कि उसके जेहन में केवल गांव में कोल्हू चलाने की यादें ही ताजा थी. इसके अलावा उसे बाला चौक शब्द याद था. इसी के आधार पर एएसआई राजेश ने अमित को अपने उसके परिवार से मिलाने की ठानी. इन्हीं सूचनाओं के आधार पर ASI राजेश कुमार ने अपनी खोजबीन जारी रखी.
तब आखिर में उन्हें पंजाब में बलाचौर नाम की एक ऐसी जगह मिली, जहां के लोगों ने बताया कि यह लड़का उनके गांव का ही है. इसकी माता का नाम नीता है और यह लड़का 22 साल पहले गुम हुआ था. यह अपने पिता बदरपुर के साथ सहारनपुर में गया था जहां से लापता हो गया था.
परिवार की आँखों में आये आंसू
अमित को जब अपने परिजनो से मिलवाया गया, तो उसे देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना ना रहा. मां ने अपने बेटे को गले से लगा लिया. खुशी के सारे परिवार की आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. परिवार के सदस्यों ने हरियाणा पुलिस के बहादुर ASI राजेश कुमार का धन्यवाद किया.
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