चंडीगढ़ | पश्चिमी विक्षोभ के चलते सभी पहाड़ी राज्यों में लगातार बर्फबारी हो रही है. इधर, हरियाणा में भी शनिवार को हुई भारी वर्षा और ओलावृष्टि के बाद रविवार को मौसम साफ हो गया है. उधर, पहाड़ों की बर्फ पिघलने से सोम और बरसाती नदी उफान पर है. इसके चलते यमुनानगर जिले में कई गांवों की 1 हजार से ज्यादा एकड़ में फसलों में पानी घुस गया है.
3 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसलें प्रभावित
बेमौसमी वर्षा- ओलावृष्टि का असर प्रदेशभर में शहरों समेत 570 गांवों में अधिक देखने को मिला. इनमें से 200 से ज्यादा गांवों में करीब तीन लाख हेक्टेयर में गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान का अनुमान है. सोमवार से कृषि विभाग नुकसान का आंकड़ा जुटाएगा. इसी बीच, हरियाणा सरकार ने राज्य में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के चलते स्पेशल गिरदावरी का काम 15 मार्च तक बढ़ा दिया है.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों आई बरसात के बाद से प्रदेश में गिरदावरी का कार्य पहले से चल रहा है. अब स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं, जो कि 15 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. डिप्टी सीएम ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों तक भी मौसम खराब होने की सूचनाएं मौसम विभाग द्वारा दे गई हैं. इसके बाद स्पेशल गिरदवरी का काम तेज कर दिया जाएगा.
किसानों को मिलेगा मुआवजा
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए ई- क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोला जा रहा है. किसानों की जो भी फसल खराब या बर्बाद हुई है, उसे वे ई- क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें. राज्य सरकार नियमों के हिसाब से सभी प्रभावित किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसल का पूरा मुआवजा प्रदान करेगी.
सब्जी व फलों को भी नुकसान
ओलावृष्टि से रोहतक में 10 हजार एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती को नुकसान हुआ है. 15 हजार एकड़ से ज्यादा आलू, मटर सहित अन्य सब्जियां ओले की वजह से बर्बाद हो गई. हिसार, जींद के 250 से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि का कहर देखने को मिला है. दादरी में करीब तीन हजार एकड़ में मटर, गोभी, तरबूज, खीरे की फसल को नुकसान का अनुमान है. प्रदेश में 3 लाख हेक्टेयर में गेहूं और सरसों की फसल में बारिश व ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है.
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