चंडीगढ़ । पंजाब और हरियाणा में राजधानी चंडीगढ़ पर अपने हक को लेकर फिर से तनातनी शुरू हो गई है. पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक दिन का विधानसभा सत्र बुलाकर पंजाब को इसका पूर्ण हक देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है. जिसके बाद हरियाणा में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत विपक्षी पार्टियों के सभी नेताओं ने इस प्रस्ताव पर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए हरियाणा सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी.
इसी को लेकर सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 5 अप्रैल को सुबह 11 बजे हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया. हरियाणा की सभी राजनीतिक पार्टियां पंजाब विधानसभा में पास प्रस्ताव के विरोध में विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही थी जिसे आज मनोहर लाल सरकार ने स्वीकार कर लिया है.
पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर पास हुए प्रस्ताव के बाद हरियाणा में सियासी गलियारों में लगातार माहौल गर्म बना हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा का बयान आया है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी है और रहेगी. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि ऐसे प्रस्ताव पास करने का कोई औचित्य नहीं है. चंडीगढ़ पर जितना पंजाब का हक है, उतना ही हरियाणा का भी है.
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