International Women’s day: इस अफसर की कामयाबी के पीछे हैं मजदूरों के बच्चों का हाथ, बड़ी रोचक है यें कहानी

चंडीगढ़, International Women’s Day | दुनिया की यह मिसाल कि नारी कमजोर है, अब पुराने जमाने की बात हो गई है. आज नारी हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी का अहसास दर्ज करवा रही है. आज के आधुनिक युग में नारी घर के साथ प्रशासन की बागडोर भी संभालती है. अंबाला कैंट की बेटी आशिका जैन इसका जीता-जागता उदाहरण है.

Internation Women Day

आशिका जैन पूर्व असिस्टेंट एडवोकेट जनरल एवं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील अजय जैन और मीनाक्षी जैन की बेटी हैं. माता-पिता की प्रेरणा से आशिका न केवल आइएएस अफसर बनी बल्कि कई जिलों में बड़े प्रशासनिक पदों पर रहते हुए मुख्य भूमिका भी निभाई. फिलहाल आशिका जैन की पोस्टिंग पंजाब के जालंधर में बतौर अतिरिक्त उपायुक्त हैं.

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मजदूरों के बच्चों को देख ठाना जीवन सुधार का लक्ष्य

आशिका जैन ने बताया कि गरीब परिवारों व मजदूरों के बच्चों के लिए हमेशा उनके मन में कुछ करने की ललक थी. ऐसे में शिक्षा के ज्ञान से इन बच्चों के जीवन को सुधारने के लिए प्रयास करते हुए कालेज के दोस्तों के साथ आगाज नाम से एक एनजीओ का गठन किया.

इसके बाद इन बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया और इन्हें पढ़ाते-पढ़ाते खुद भी आइएएस परीक्षा की तैयारियों में जुट गई. आशिका ने बताया कि उन्होंने पहले ही प्रयास में आइएएस परीक्षा पास कर ली. 4 जुलाई 2015 को 23 साल की उम्र में 74 वीं रैंक हासिल कर आइएएस अफसर बनने का सपना साकार किया.

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डीएवी व कान्वेंट स्कूल से की थी पढ़ाई

आशिका जैन ने डीएवी स्कूल से 97% अंक हासिल कर दसवीं कक्षा में टाप किया और कान्वेंट आफ जीसीज एंड मेरी स्कूल में 95 % अंक लेकर 12वीं में टापर रही थी. इसके उन्होंने आल इंडिया ला एंट्रेंस टेस्ट में ही नहीं बल्कि दिल्ली नेशनल ला यूनिवर्सिटी में भी टापर रही.

माता-पिता ने मुझ पर विश्वास जताया

एडीसी जालंधर आशिका जैन ने बताया कि माता-पिता ने मेरे लिए जो सपना देखा था उसे मैंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से साकार कर दिखाया है. माता-पिता ने हर कदम पर मेरा साथ निभाया और इस मुकाम तक पहुंचाया. इसी तरह सभी माता-पिता से मैं आग्रह करती हूं कि बेटियों पर विश्वास और भरोसा रखें, आज बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है. उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दें.

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