चंडीगढ़ | साल 2019 में हरियाणा बिजली निगमों में लगभग 2426 शिफ्ट अटेंडेंट चयनित किये गए थे. फिलहाल, इनके लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उनके चयन रिकार्ड की समीक्षा के लिए एक स्थानीय आयुक्त नियुक्ति की है. यहाँ पर आरोप लगाया गया है कि आयोग ने इन पदों के लिए इंटरव्यू खत्म होने के बाद भी चयन मापदंड बदल दिए थे.
एडवोकेट तेजिंदर बीर सिंह को मिली नियुक्ती
ध्यान देने वाली बात यह है कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (DHBVNL) और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड में चयनित और नियुक्त किए गए उम्मीदवारों से संबंधित पूरा रिकार्ड पहले ही हाई कोर्ट ने एकत्रित कर लिया था और हाई कोर्ट की रजिस्ट्री के पास है. इस भारी भरकम रिकार्ड में लगभग 38 ट्रंक और 2 बड़ी अलमारियां हैं. जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी द्वारा एडवोकेट तेजिंदर बीर सिंह को स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया गया है.
भर्ती के रिकॉर्ड का होगा निरीक्षण
सभी पक्ष इन पदों के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा की गई भर्ती के रिकार्ड का निरीक्षण करेंगे. स्थानीय आयुक्त इस विशेष मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे कि क्या चयनित और नियुक्त उम्मीदवारों को जीएसए/ एएसएसप/ जीएस एसएसए और जेई/ लाइनमैन/ वायरमैन और इलेक्ट्रीशियन के पद पर एक्सपीरियंस का लाभ दिया गया था. वह यह भी रिपोर्ट देंगे कि क्या उन्होंने एचएसएससी को अपने आवेदन जमा करने के वक़्त अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया था या नहीं, यदि नहीं तो किस समय उन्होंने प्रतिवादी- आयोग को प्रमाण पत्र संलग्न/ प्रदान किए थे.
29 मई 2016 को हुई थी लिखित परीक्षा
शिफ्ट अटेंडेंट के 2,426 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 29 मई, 2016 को हुआ था. 30 अप्रैल, 2017 को इसका परिणाम घोषित किया गया था. इसके बाद, जो उम्मीदवार पास हुए थे उन्हें 5- 11 मई, 2017 को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया गया था. 24- 29 अगस्त, 2017 को इंटरव्यू हुए थे. दायर याचिका के अनुसार, मूल रूप से एचएसएससी ने सिर्फ उन उम्मीदवारों कों अनुभव के आधार पर अंक दिए थे, जिन्होंने हरियाणा बिजली कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट या इसी तरह की अन्य क्षमता के तौर पर शिफ्ट अटेंडेंट के रूप में काम किया था.
हाई कोर्ट ने तय की 2 लाख रुपए फीस
स्थानीय आयुक्त को यह भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है कि इन अनुभव प्रमाण पत्र कों जारी करने की तारीख क्या थी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या आयोग ने चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद एसए/ एएसएसए/ जीएसओ/ एसएसए जेई/ लाइनमैन/ वायरमैन और इलेक्ट्रीशियन के पद पर अनुभव का फायदा देकर उन चयनित उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र स्वीकार किए हैं.
हाईकोर्ट ने लोकल कमिश्नर के लिए 2 लाख रुपये फीस निर्धारित की है, जो एचएसएससी और याचिकाकर्ता द्वारा बराबर- बराबर वहन की जाएगी. कोर्ट ने एचएसएससी को कंप्यूटर का ज्ञान रखने वाला एक स्टेनोग्राफर, लोकल कमिश्नर और उसकी आवश्यकता के अनुसार अन्य ऑपरेशनल सहायता उपलब्ध कराने का भी निर्देश जारी किया है.
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