चंडीगढ़ | 5 अगस्त को हरियाणा कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे, जिसमें ग्रुप सी और डी के अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के बारे में अंतिम फैसला लिया जा सकता है. इस मीटिंग में 5 साल, 8 साल या 10 साल से अधिक सेवा करने वाले अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के बारे में फैसला लिया जाएगा. बता दें कि इसके लिए अधिकारियों द्वारा तीन तरह की नीतियों का मसौदा तैयार किया जा चुका है.
मसौदों में लिखी ये बातें
पहले मसौदे के तहत अतिथि शिक्षकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा अधिनियम देने का है. वहीं दूसरे मसौदे के तहत सेवा सुरक्षा अधिनियम की तर्ज पर अध्यादेश लाने का है. वैसे तो दोनों में लगभग समानताएं हैं, लेकिन मानदेय और अस्थाई सेवा अवधि में अंतर है. नियमितीकरण नीति का तीसरा मसौदा तैयार कर लिया गया है.
बता दें कि इन तीनों मसौदों को कैबिनेट मीटिंग में औपचारिक रूप से नहीं ले जाने का फैसला लिया गया है. इन पर अनौपचारिक रूप से चर्चा करने के बाद निर्णय के अनुसार नीति बनाई जाएगी. यह तय किया जाएगा की सेवा सुरक्षा अधिनियम बनाया जाए या अध्यादेश जारी किया जाए. इसके बाद विधानसभा में विधायक लाकर पारित करवाया जाए या फिर कैबिनेट से मंजूरी लेकर नियमितीकरण नीति जारी की जाए.
अग्निवीरों को मिलेगा नौकरियों में आरक्षण
बता दें कि बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा कर चुके हैं. कल होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इसे भी मंजूरी भी दी जा सकती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद हरियाणा भी अब अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने वाला राज्य बन जाएगा.
पुलिस भर्ती में दिया जाएगा 10 फीसदी आरक्षण
इसके साथ ही अग्निवीरों को ग्रुप सी की नौकरियों पर 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर ₹60,000 वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने, एसपीओ भर्ती करने के फैसले पर चर्चा की जा सकती है. इसके साथ ही पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण पर मोहर लग सकती है.
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