चंडीगढ़ | हरियाणा में पिछले दिनों ग्रुप सी की भर्ती के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से ग्रुप नंबर 56 और 57 की परीक्षा का आयोजन किया गया था. ग्रुप नंबर 56 की परीक्षा में सवाल रिपीट हो गए थे जिससे एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया. इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका डाली गयी थी. अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और अभ्यर्थियों की नज़रे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (High Court) पर टिक चुकी है. इसपर अब अदालत में 1 सितंबर को सुनवाई होनी है. उम्मीदवारों को बचें ग्रुपों के पेपर की तिथि घोषित होने का इंतजार है.
आयोग दायर करेगा अपना जवाब
सिंगल बेंच ने सीईटी स्कोर रद्द करने का फैसला दें रखा है, जिसपर आयोग की तरफ से अपील दायर कर दी थी. इसपर सुबह- सुबह सुनवाई हुई थी और डबल बेंच ने ग्रुप 56, 57 का पेपर लेने की स्वीकृति दी थी. चूंकि, डबल बेंच ने सिर्फ इन दोनों ग्रुपों का पेपर लेने की अनुमति दी थी इसलिए आयोग ने दूसरे पेपर आयोजित नहीं किये. अब आयोग की तरफ से अपना जवाब दायर किया जाएगा. आयोग ने कुल 64 ग्रुप बनाये है जिनमें से अभी तक 2 ग्रुपों का पेपर हुआ है. ऐसे में आयोग आग्रह करेगा कि बचे हुए ग्रुपों के पेपर कराने की अनुमति मिले.
मामला अदालत में है लंबित
हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि ग्रुप सी पदों के लिए भी हर विभाग के अलग- अलग सर्विस रूल्स थे, जिसकी वजह से ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए एक परीक्षा लेना संभावित नहीं था. नई नीति के अनुसार, ग्रुप सी के लगभग 35,000 पदों को विज्ञापित किया गया था. आयोग की ग्रुप सी की सीईटी परीक्षा में 11,22,232 ने रजिस्ट्रेशन कराया था और 3,59,146 ने सीईटी क्वालीफाई किया. उन्होंने कहा था कि पारदर्शी और योग्य उम्मीदवार का चयन करने के लिए सीईटी पास उम्मीदवारों में से चार गुना को स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए बुलाया गया है. मामला अदालत में लंबित है.
शेष ग्रुपों के पेपर आयोजित करने के लिए आग्रह करेगा आयोग
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने जो 64 ग्रुप बनाए हैं, उनमें से 2 दर्जन से अधिक ऐसे ग्रुप हैं, जिनमें चार गुना से कम योग्य उम्मीदवार हैं. इसलिए आयोग यूं तो सभी बचे ग्रुपों का पेपर कराने के लिए आग्रह करेगा. लेकिन, आयोग यह भी जानकारी दे सकता है कि लगभग 2 दर्जन ग्रुप तो ऐसे हैं, जिनमें सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों की वेरीफिकेशन होने या न होने से कोई असर नही होगा.
सिंगल बेंच की तरफ से आदेश दिया गया कि सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक देने से पहले वेरीफिकेशन हो लेकिन आयोग की दलील है कि ऐसा नहीं हो सकता. अब डबल बेंच निर्धारित करेगी कि बिना वेरीफिकेशन सीईटी के पुराने स्कोर से पेपर लेने की अनुमति दी जाए या वेरीफिकेशन कराने के बाद सीइटी स्कोर रिवाइज होने के बाद ही पेपर आयोजित किये जाए.
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