राज्यसभा चुनाव: हरियाणा में फिर न हो जाए 6 साल पहले वाला स्याही कांड, उठाए गए बड़े कदम

चंडीगढ़ | हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के नामांकन के साथ ही करीब छह साल पहले हुए स्याही कांड की यादें फिर से ताजा हो गई है. बता दें कि करीब छह साल पहले भी इस बार की तरह ही राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार चुनावी रण में थे. तब कांग्रेस विधायकों के पेन से स्याही कांड हुआ था और अधिकतर विधायकों के वोट रद्द हो गए थे,जिसका परिणाम यह हुआ कि बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा चुनाव में बाजी मारने में कामयाब हो गए थे. इस स्याही कांड को लेकर हरियाणा की राजनीति में खूब होहल्ला हुआ था.

Monsoon Session Haryana

बता दें कि उस समय विधानसभा सचिव आरके नांदल राज्यसभा चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी थे. हालांकि उस चुनाव के बाद दो बार ऐसे मौके आएं जब नांदल को चुनाव अधिकारी नही बनाया गया लेकिन इस बार 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए फिर एक बार आरके नांदल चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. स्थितियां बिल्कुल पुरानी जैसी हैं और फिर से दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में जनगणना तक नहीं बन पाएंगे नए जिले, प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर लगी रोक

लेकिन इस बार स्याही कांड की घटना फिर से न दोहराई जाए, इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इस बार मतदान के लिए हर विधायक को अलग- अलग पेन देने का निर्णय लिया गया है. वोट डालने के बाद प्रत्येक विधायक को यह पेन वापस जमा कराना होगा और एक विधायक का पेन वापस आने के बाद ही दूसरे को दूसरा पेन दिया जाएगा. इस बार के राज्यसभा चुनाव में किसी तरह का खेल न रचा जाएं, इसके लिए पहले ही एहतियात बरती जाएगी.

यह भी पढ़े -  Weather Update: हरियाणा के इन चार जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी, आज से होगा मौसम में बदलाव; लुढ़केगा पारा

इस बार पूरी मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी. अगर सभी प्रत्याशियों के नामांकन सही निकले और तीन जून तक किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया तो 10 जून को सभी विधायकों की वोटिंग होगी. मतदान के दौरान कोई विधायक गलत पेन का इस्तेमाल न करें, इसके लिए बाकायदा विधानसभा स्टाफ पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात रहेगा. मतदान केंद्र के बाहर विधायकों की जांच होगी कि उनके पास किसी तरह का कोई पेन- पेंसिल तो नहीं है.

यह भी पढ़े -  IPL में अबकी बार छाएंगे हरियाणवी छोरे, सभी श्रेणियां में हुए शामिल; पढ़ें डिटेल्स

विधानसभा सचिव और निर्वाचन अधिकारी आरके नांदल ने बताया कि नियमानुसार विधायक को वोट डालने से पहले बैलेट पेपर अपनी पार्टी के अधिकृत एजेंट को दिखाना होगा. अगर वह मतदान पत्र अपनी पार्टी के अधिकृत एजेंट को नहीं दिखाता है या एजेंट कोई आपत्ति करता है तो उसका वोट मान्य नहीं होगा. ऐसे में संबंधित विधायक का वोट रद्द कर दिया जाएगा. जब एक विधायक वोट डालकर बाहर आ जाएगा, तभी दूसरे विधायक को अंदर भेजा जाएगा. किसी भी विधायक को मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit