चंडीगढ़ | हरियाणा में लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) के लिए 25 मई को मतदान होगा. सूबे में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एक बार फिर पार्टी उसी इतिहास को दोहराने का दावा कर रही है. हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी का ये दावा इस बार पूरा होने की संभावना कम है क्योंकि कांग्रेस पार्टी (Congress Party) कई सीटों पर खेल बिगाड़ने की स्थिति में नजर आ रही है.
रोहतक लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला
हरियाणा की सबसे हॉट रोहतक लोकसभा सीट पर एक बार फिर से दीपेंद्र हुड्डा और अरविंद शर्मा चुनावी रण में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को यहां से करीब साढ़े 7 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 9 विधानसभा सीटों में से दीपेंद्र हुड्डा ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन कोसली विधानसभा क्षेत्र से दीपेंद्र हुड्डा पिछड़ गए थे और उन्हें मामूली अंतर से हार झेलनी पड़ी थी.
इस बार परिस्थिति बिल्कुल अलग नजर आ रही है और माना जा रहा है कि हुड्डा परिवार अपने गढ़ को वापस पाने में कामयाबी हासिल कर सकता है. बीजेपी प्रत्याशी को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. दोनों पार्टियों के कई दिग्गज नेता यहां चुनाव प्रचार अभियान को मजबूती देने के लिए रैलियां कर चुके हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधेगी.
सिरसा के भंवर में अशोक तंवर
सिरसा लोकसभा के भंवर में अशोक तंवर घिरते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने यहां से कुमारी शैलजा को चुनावी रण में उतारा है. वो यहां से दो बार सांसद रह चुकी है जबकि तंवर एक बार इस सीट से सांसद रहें हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अशोक तंवर के मुकाबले कुमारी शैलजा जीत की ज्यादा मजबूत दावेदार बनी हुई है.
इसकी बड़ी वजह बीजेपी सरकार की 10 साल की एंटी इनकंबेंसी है. वहीं, कुमारी शैलजा के मुकाबले उनकी लोकप्रियता भी कम है. इसके अलावा किसान आंदोलन का मुद्दा सबसे ज्यादा हावी हो रहा है, जो बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ जबरदस्त विरोध का माहौल पैदा कर रहा है.
हिसार सीट पर कांटे की टक्कर
हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी ने रणजीत चौटाला को चुनावी रण में उतारा है. कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश उर्फ जेपी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि JJP की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला चुनावी रण में हैं और INLD ने सुनैना चौटाला को अपना प्रत्याशी बनाया है. कुल मिलाकर चौधरी देवीलाल परिवार से यहां तीन सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं.
ऐसे में चौटाला परिवार के वोटर्स का 3 जगहों पर बंटवारा जेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं, किसान आंदोलन का मुद्दा बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रहा है. इसके अलावा, बीजेपी सरकार की दस साल की एंटी इनकंबेंसी भी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल बना रही है. जिसके चलते यहां से जयप्रकाश उर्फ जेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं.
अंबाला में भी तगड़ा मुकाबला
अंबाला लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व सांसद स्वर्गीय रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस की ओर से यहां वरूण मुलाना चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी को यहां पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी से नुकसान झेलना पड़ सकता है. इसके अलावा, किसान आंदोलन का मुद्दा भी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी वरूण मुलाना का चुनाव प्रचार काफी अच्छा जा रहा है. इसलिए इस सीट पर भी कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावना जताई जा रही है.
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