हरियाणा में बाढ़ से हुई फसल खराब तो चिंता की जरूरत नहीं, सरकार देगी प्रति एकड़ इतना मुआवजा

चंडीगढ़ | हरियाणा में बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. उन्हें राज्य सरकार की ओर से तत्काल प्रभाव से 15,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा. नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है. रिपोर्ट मिलते ही प्रभावित किसानों के बैंक खाते में मुआवजा राशि जमा कर दी जायेगी. हालांकि, 75 फीसदी से कम नुकसान होने पर मुआवजे के लिए फसल बिकने तक इंतजार करना होगा.

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लोगों को मिलेगा ये लाभ

दूसरी तरफ भीम राव अंबेडकर आवास योजना के तहत, बाढ़ के कारण मकानों के नुकसान की भरपाई के लिए 20 हजार रुपये से एक लाख 20 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. मृतकों के आश्रितों को तत्काल प्रभाव से चार-चार लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया गया है. दुधारू और गैर दुधारू पशुओं की मौत पर 20 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा. 100 मुर्गियों की मौत पर सरकार मुआवजा देगी जबकि इससे ज्यादा मुर्गियों की मौत पर बीमा कंपनियों को यह मुआवजा देना होगा.

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उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाए. जैसे ही जन हानि, पशु हानि या मकान गिरने की सूचना मिले, प्रभावितों को तुरंत आर्थिक सहायता जारी की जाए.

148 जगहों पर टूटी सड़कें, लागत आएगी 230 करोड़

अब तक 148 जगहों पर तेज बहाव के कारण टूटी सड़कों की पहचान की जा चुकी है, जिनकी मरम्मत पर 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त राजमार्गों, ग्रामीण सड़कों एवं पुल- पुलियाओं की यथाशीघ्र मरम्मत करायी जाए, जहां सड़कों में कटाव हुआ है वहां सड़क के नीचे बड़े मजबूत पाइप बिछाए जाए ताकि भविष्य में भी बरसात का पानी आसानी से निकल सके.

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24 घंटे में हुआ ये नुकसान

पिछले 24 घंटों में 80 और गांवों में पानी घुस गया और 4,826 हेक्टेयर में खड़ी फसलें डूब गईं. 1,378 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, अंबाला, फरीदाबाद, फतेहाबाद, कैथल, पलवल, सिरसा, कुरूक्षेत्र और करनाल में एनडीआरएफ के साथ- साथ अंबाला और फतेहाबाद में राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना के जवानों को तैनात किया गया है.

565 गांवों में जलजमाव, 33 वार्ड प्रभावित

बाढ़ से 565 गांव के साथ साथ विभिन्न शहरों के 33 वार्ड प्रभावित हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सोमवार को 383 गांवों और शहर के 26 वार्डों में जाकर 440 चिकित्सा शिविर लगाए. कुल 7899 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 805 को बुखार, 272 को आंत्रशोथ, नौ को पेचिश, 10 को सर्पदंश, 1174 को त्वचा रोग, 317 को कंजंक्टिवाइटिस और 3808 को अन्य बीमारियां मिलीं.

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घर- घर किया जा रहा सर्वे

घर- घर सर्वेक्षण कर लोगों को जल- जनित बीमारियों और वेक्टर- जनित बीमारियों के लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि बारिश के पानी के कारण बीमारियाँ न फैलें. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और घायलों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.

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