चंडीगढ़ | हरियाणा की जेलों को सुधार गृहों के रूप में तबदील किया जाएगा. कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रदेश सरकार न केवल भजन मंडलियों, साहित्यकारों और कवियों का सहारा लेगी. बल्कि धर्मगुरुओं की भी मदद ली जाएगी. महिला कैदियों को जेल से बाहर निकल कर बाजार में शापिंग करने की अनुमति होगी. जेल विभाग कैदियों से ऐसी मिठाई तैयार कराने पर विचार कर रहा है, जो प्रदेश भर में एक ब्रांड के रूप में उभरकर सामने आए. इसके अलावा गैंगस्टर और खूंखार बदमाशों के साथ जेल में सामान्य कैदियों को अलग रखा जाएगा.
हरियाणा की जेलों में सुधार की सिफारिशें करने के लिए प्रदेश सरकार ने 4 अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. गृह सचिव राजीव अरोड़ा इस कमेटी के अध्यक्ष है. कमेटी में डीजीपी जेल शत्रुजीत कपूर, आईजी जगजीत सिंह और एलआर (कानून प्रतिनिधि) शामिल है. दुनिया में ऑस्ट्रेलिया की जेलों को सबसे अधिक अच्छा माना जाता है. भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक की जेलों में तमाम सुविधाएं हैं. हरियाणा सरकार ने जेल विभाग के अधिकारियों को इन जेलों का दौरा कर अपने राज्य की जेलों में तमाम सुधार प्रक्रियाएं लागू करने को कहा है.
गृह सचिव के नेतृत्व वाली जेल सुधार कमेटी कम से कम 15 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. बिजली व जेल मंत्री रणजीत चौटाला के समक्ष यह कमेटी कई अहम बिंदुओं पर मौखिक रूप से अपनी बात कह चुकी है. जेल विभाग का नाम बदलकर सुधार ग्रह रखने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. जेल सुधार कमेटी की लिखित रिपोर्ट आने के बाद जेल मंत्री रणजीत चौटाला इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष पेश करेंगे. वहां से मंजूरी मिलने के बाद सुधारात्मक बिंदु लागू कर दिए जाएंगे.
सभी जेलों में मिलेगी एक समान डाइट
प्रदेश सरकार मोटे तौर पर हरियाणा की सभी जेलों में एक समान डाइट मैन्यू लागू करने पर विचार कर रही हैं. इससे कैदियों को हर जेल में एक जैसा पौष्टिक खाना मिलेगा. जेल अधीक्षकों व कर्मचारियों की मनमानी रोकने के लिए सेशन जज नियमित रूप से जेलों का दौरा करेंगे. ढांचागत सुधारों की कड़ी में बिजली, पंखे, शौचालय, नल और फर्स यदि खराब है तो उन्हें ठीक कराया जाएगा.
भजन मंडलियों के माध्यम से जेलों में नियमित भजन होंगे. कैदी इसे आध्यात्म से जुड़ेंगे. कुमार विश्वास और डॉ. हरिओम पवार सरीखे कवियों को जेलों में काव्य पाठ के लिए भेजा जाएगा. स्वामी अवधेशानंद और स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज सरीखे संतो को आध्यात्मिक संदेश के लिए कैदियों के बीच भेजने की योजना पर गंभीरता से आगे बढ़ा जा रहा है.
महिला कैदियों को आजादी की पैरवी
महिला कैदियों की अपनी निजी जरूरत होती है. जेल में रहते-रहते मानसिक बीमारियों का शिकार हो सकती है. लिहाजा उन्हें सुरक्षाकर्मियों के साथ बाजार में जाने और अपनी पसंद की खरीददारी करने की अनुमति दी जाएगी.
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