चंडीगढ़ | हरियाणा में अपने राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रही पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. बता दें कि इनेलो नेता अभय चौटाला ने नई दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की है. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात चली है और इस दौरान मायावती के भाई आनंद व उनके भतीजे आकाश भी मौजूद रहे.
INLD- BSP के बीच गठबंधन
बताया जा रहा है कि दोनों राजनीतिक दलों के बीच हरियाणा में इसी साल अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन पर मुहर लग गई है और 11 जुलाई को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसका औपचारिक ऐलान हो सकता है.
इनेलो को मिलेगी मजबूती
INLD और बहुजन समाज पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान साथ आते हैं तो इनेलो को अपना खोया हुआ जनाधार वापस मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी. दोनों दलों का गठबंधन जाट और एससी समाज के वोटर्स को एकजुट करेगा तो विधानसभा चुनाव में समीकरण कुछ भी हो सकते हैं. लोकसभा चुनावों में भी हरियाणा में इन दोनों समाज के वोटर्स की एकजुटता की बदौलत कांग्रेस 5 सीटों पर जीत दर्ज पाई थी.
अभय चौटाला ने की पोस्ट
मुलाकात के बाद, अभय सिंह चौटाला ने X पर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि बसपा सुप्रीमो कुमारी मायावती से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की और देश- प्रदेश के मुख्य मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई है.
आज बसपा सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, परम आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी से उनके निवास स्थान पर मुलाक़ात की और देश-प्रदेश के मुख्य मुद्दों पर विशेष चर्चा की। pic.twitter.com/0LXt67cYzC
— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) July 6, 2024
बसपा के वोटबैंक का खासा प्रभाव
बहुजन समाज पार्टी का हरियाणा में 4 से 6 फीसदी तक वोटबैंक है. खासकर यूपी से सटे इलाकों और पलवल- नूंह में पार्टी का एक समय अच्छा वोट बैंक रहा है. 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजों की बात करें तो सभी 10 लोकसभा सीटों पर बीएसपी के प्रत्याशी बीजेपी और कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे. यानि कि बीजेपी के साथ गठबंधन में रही पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की JJP को भी बीएसपी ने वोट शेयर के मामले में पीछे छोड़ दिया था.
लोकसभा चुनावों में इन्हीं नतीजों से उत्साहित BSP अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर खुद को फिर से स्थापित करने की तैयारी कर रही थी और इसके लिए उसे हरियाणा में किसी पार्टी के साथ गठबंधन की जरूरत थी. इनेलो से बेहतर उसे कोई दूसरा विकल्प नहीं मिल सकता है. वहीं, इनेलो को भी एक ऐसे गठबंधन की जरूरत है, जो उसके राजनीतिक वजूद को बचाने में उनके लिए सहायक सिद्ध हो सकें.
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